देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) अब लागू हो गया है। साल 2019 में संसद के दोनों सदनों के द्वारा पास किए गए इस कानून के संबंध में आज कानून मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। इस कानून के पास होने के साथ ही साल 2019-20 में देश में काफी विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।
दरअसल, यह कानून उन विदेशी लोगों के लिए है जो भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं। कोई भी व्यक्ति जो हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदाय से है वो इस कानून के तहत भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह कानून केवल अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान में रह रहे उक्त धर्म के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने से जुड़ा है।
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019, दिसंबर 2019 में संसद में पारित किया गया। इसके बाद राष्ट्रपति से सीएए कानून को मंजूरी मिल गई थी। हालांकि राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद देश के विभिन्न राज्यों में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया।
सीएए के नियम पहले से ही तैयार कर लिए गए थे और इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रखी गई है। आवेदन के लिए आवेदक को किसी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रहेगी। आवेदकों को बताना होगा कि वे भारत कब आए।
सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA के तहत भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल लॉन्च किया है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों से नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं। CAA के तहत पात्र व्यक्ति Indiancitizenshiponline.nic.in पोर्टल पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नए नियमों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले को दो विशेष दस्तावेज देने होंगे। इसमें पहला तो आवेदक के चरित्र को प्रमाणित करने वाला हलफनामा और दूसरा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं में किसी एक की अच्छी जानकारी होने का घोषणा पत्र।
पोर्टल के अलावा केंद्र सरकार एक मोबाइल ऐप्लिकेशन भी लॉन्च करेगी, जिसका नाम ‘सीएए-2019’ होगा। इस ऐप की मदद से उन लोगों के ऐप्लिकेशंस (आवेदन) को हैंडल किया जाएगा, जो कि भारत की नागरिकता पाने के लिए दिए जाएंगे।