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हर साल 18 मई को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास को संरक्षित करने वाले संग्रहालयों की महत्ता को याद दिलाता है। इसी खास मौके पर हम बात करेंगे असम की राजधानी गुवाहाटी के बीचों-बीच स्थित, असम स्टेट म्यूजियम के बारे में।

असम स्टेट म्यूजियम, जो पहले असम प्रांतीय संग्रहालय के नाम से जाना जाता था, दिघालिपुखुरी तालाब के दक्षिणी छोर पर बसा हुआ है। यह संग्रहालय न केवल असम, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत की विविध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को समेटे हुए है। यहाँ पर पुरातत्व, प्रतिमा कला, शिलालेख और मुद्रा विज्ञान से जुड़ी कई अनमोल वस्तुएं मौजूद हैं।

संग्रहालय की दीवारों के बीच हजारों साल पुरानी कहानियाँ छिपी हैं, जो असम की गौरवशाली संस्कृति, परंपराओं और इतिहास को जीवंत करती हैं। यहाँ आने वाले आगंतुकों को न केवल प्राचीन कलाकृतियाँ देखने को मिलती हैं, बल्कि वे असम की लोककथाओं, पारंपरिक कला और जीवनशैली को भी समझ सकते हैं।

दिघालिपुखुरी के शांत और हरे-भरे वातावरण में स्थित यह संग्रहालय गुवाहाटी शहर का एक सांस्कृतिक केंद्र है, जहाँ बच्चे, छात्र, शोधकर्ता और पर्यटक सभी अपनी-अपनी रुचि के हिसाब से कुछ न कुछ सीख सकते हैं।

आज के दिन, जब हम अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मना रहे हैं, यह सभी के लिए एक निमंत्रण है कि वे इस सांस्कृतिक खजाने की यात्रा करें और असम की समृद्ध विरासत को नजदीक से महसूस करें। असम स्टेट म्यूजियम न केवल इतिहास का एक भंडार है, बल्कि यह हमारी पहचान और संस्कृति को समझने का एक सशक्त माध्यम भी है।

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