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महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म है। इस बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी के एक बयान ने सियासत में उथल-पुथल मचा दी है। मौलाना नोमानी ने एक वायरल वीडियो में मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वे ‘प्रसाद देने वाला’ न बनें। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है।

मौलाना ने बीजेपी को ‘जालिम’ करार देते हुए कहा कि अगर किसी मुसलमान को उसके इलाके में कोई व्यक्ति बीजेपी का समर्थन करता हुआ दिखे, तो उसे तुरंत सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए। उन्होंने अपने बयान में कहा, “जिस भी मुसलमान ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी को वोट दिया है, उसे बेशर्म समझा जाना चाहिए और उसका बहिष्कार करना चाहिए।” इसके साथ ही मौलाना ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह पार्टी “मस्जिदों को शहीद करने वाली और मस्जिदों पर बुलडोजर चलाने वाली पार्टी” है।

नोमानी ने अपनी बात को और तीखा करते हुए कहा कि, “जो मुसलमान बीजेपी को वोट दे, उसे अपना नाम बदलकर ‘घनश्याम दास’ कर लेना चाहिए।” मौलाना ने यह भी दावा किया कि अगर भाजपा महाराष्ट्र में चुनाव हार जाती है, तो केंद्र सरकार भी लंबे समय तक नहीं टिकेगी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ महाराष्ट्र नहीं, बल्कि केंद्र सरकार भी है।”

इस बयान के बाद, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के नेता किरीट सोमैया ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखकर मौलाना नोमानी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सोमैया ने नोमानी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है और उनके बयान को सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला बताया है।

मौलाना नोमानी का यह बयान और उस पर बीजेपी की प्रतिक्रिया ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है।

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