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इन दिनों देश में रेल हादसे काफी बढ़ गए हैं। हाल ही में हुए कई बड़े रेल हादसों में करीब 320 से अधिक लोगों की जान चली गई। अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसे हादसे क्यों होते हैं? एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 14 महीनों में हुए 5 बड़े हादसों में से कुछ का कारण था कि दो ट्रेनें आपस में टकरा गईं, जबकि कुछ ट्रेनें पटरी से उतर गईं। अब रेलवे के सामने एक नई समस्या आ गई है – लोग रेल पटरियों पर चलने लगे हैं। महानगर के पानबाजार से लेकर भरलूमुख तक यही मंजर देखने को मिल रहा है। ऐसे में कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।

रेल पटरियों पर लोग क्यों चल रहे हैं?

बढ़ते रेल हादसे आज एक बड़ा सवाल खड़ा करते हैं। हर साल देश में कई बड़े रेल हादसे होते हैं, जिनमें लोगों की जान चली जाती है। अब आजकल लोग सड़कों की बजाय रेल ट्रैक पर चलने लगे हैं, जिससे हादसों का खतरा और बढ़ गया है। गुवाहाटी के पानबाजार से लेकर भरलूमुख तक यह दृश्य रोज देखा जा सकता है। जब इनसे पूछा गया तो एक व्यक्ति ने कहा, “मेरा घर फलां जगह है और मुझे बहुत घूमकर जाना पड़ता है। रेल लाइन से होकर जाता हूँ तो सीधा पहुँच जाता हूँ। मान लीजिए आप भी रेल लाइन पर चल रहे हैं और सामने से 110 की रफ्तार से ट्रेन आ जाए, और आप बगल वाली पटरी पर नहीं जा पाएं, तो कुछ भी हो सकता है। आपकी जान भी जा सकती है।”

(Core number: FKAJ831B. Clip taken from programme rushes. ABKA803P)

इतना ही नहीं, कई लोग रेल लाइन पर बैठकर गप्पें लड़ा रहे होते हैं। वे अपनी बातों में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि सामने से आती ट्रेन को भी नहीं देख पाते। कुछ लोग तो पटरियों पर बैठकर नशा करते हैं, जैसे शराब का सेवन आदि। ऐसे लोग अक्सर अपना होश खो बैठते हैं और बड़े हादसों का शिकार हो जाते हैं।

इतिहास में हुए बड़े हादसे

19 अक्टूबर 2018 को, भारतीय रेलवे की दो यात्री ट्रेनों ने पंजाब के अमृतसर के पूर्वी इलाके में लोगों की भीड़ को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई और लगभग 100 से अधिक घायल हो गए। भीड़ हिंदू त्योहार दशहरा का जश्न देखने के लिए इकट्ठा हुई थी। इसके बाद भी 2019-2023 के दौरान कई बड़े हादसे हुए, जिनमें करीब 100 लोगों की मौत हो गई।

अब ऐसी घटनाएं रेलवे के लिए एक बड़ी समस्या बन गई हैं। हालांकि रेलवे ने इसको लेकर कई कानून बनाए हैं, लेकिन वे सभी लागू होते नहीं दिख रहे हैं। अब रेलवे को इसके लिए कठोर कानून बनाने चाहिए।

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