जोरहाट का माहौल बुधवार सुबह बेहद भावुक था। जुबीन गर्ग की अध्यश्रद्धा का तेरहवां दिन चल रहा था। पूरा प्रदेश शोक में डूबा हुआ था। हर तरफ बस एक ही नाम गूंज रहा था – जुबीन गर्ग। लोग मोमबत्तियां जलाकर, फूल चढ़ाकर और प्रार्थना करके उन्हें याद कर रहे थे। लेकिन इसी बीच सुबह-सुबह आई एक बड़ी खबर ने पूरे असम को हिला दिया।
गायक जुबीन गर्ग की रहस्यमयी मौत की जांच में पुलिस ने अब बड़ा कदम उठाया है। नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंता और गायक के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दोनों को चौदह दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है ताकि जांच टीम सच्चाई तक पहुंच सके।
जुबीन का मोबाइल फोन बना अहम सबूत
इस केस की सबसे अहम कड़ी तब सामने आई जब पुलिस ने सिद्धार्थ शर्मा से जुबीन गर्ग का मोबाइल फोन बरामद किया। यह वही फोन था जिसे जुबीन के परिवार को नहीं लौटाया गया था। सवाल उठने लगे – आखिर इस फोन में ऐसा क्या था जिसे छुपाया जा रहा था?
खबरों के मुताबिक, घटना स्थल पर मौजूद संगीतकार शेखर गोस्वामी ने भी दावा किया था कि जुबीन का फोन परिवार को नहीं लौटाया गया। अब यही फोन पुलिस जांच की सबसे बड़ी कुंजी बन गया है।
गिरफ्तारी का हाई-प्रोफाइल नज़ारा
श्यामकानु महंता को पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया, जबकि सिद्धार्थ शर्मा को गुरुग्राम से पकड़ा गया। आज सुबह दोनों को एयर इंडिया की फ्लाइट से गुवाहाटी लाया गया। एयरपोर्ट पर ऐसा नज़ारा था जो असम ने पहले कभी नहीं देखा था।
चारों ओर सुरक्षा का घेरा, हर गेट पर पुलिस, CRPF और RAF के जवान। 180 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात थे। दोनों आरोपियों को बुलेटप्रूफ गाड़ी में बैठाकर सीधे CID दफ्तर ले जाया गया। गीतानगर स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के घर पर पेशी के बाद पुलिस को 14 दिन की हिरासत मिली।
गुवाहाटी एयरपोर्ट के बाहर जमा भीड़ खामोश खड़ी थी। हर किसी की नज़र उसी काले शीशे वाली गाड़ी पर टिकी थी जिसमें दोनों आरोपियों को ले जाया जा रहा था। लोगों को लग रहा था मानो यह केवल गिरफ्तारी नहीं, बल्कि सच्चाई तक पहुंचने का पहला बड़ा कदम है।
गरिमा सैकिया गर्ग की प्रतिक्रिया
जुबीन गर्ग की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम उनकी उम्मीदों को मजबूत करता है और अब सच सामने आने की संभावना और बढ़ गई है।
जांच का अगला चरण
अब अगले चौदह दिन SIT दोनों आरोपियों से गहराई से पूछताछ करेगी। फोन रिकॉर्ड्स, ईमेल्स और फेस्टिवल से जुड़े सारे दस्तावेज खंगाले जाएंगे। पुलिस उन पलों की टाइमलाइन तैयार करेगी जिनमें यह पूरा हादसा हुआ था।
पूरे असम की निगाहें अब इस जांच पर टिकी हुई हैं। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर जुबीन गर्ग की मौत महज़ एक हादसा थी या इसके पीछे कोई बड़ी साज़िश छिपी है।
जुबीन गर्ग अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज़ और उनकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी। उनके चाहने वालों की एक ही मांग है – सच सामने आए और न्याय मिले।