SIT की चार्जशीट ने ज़ूबीन गर्ग मौत केस में कई सनसनीखेज और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ूबीन गर्ग के समंदर में डूबने की जानकारी मिलने के बावजूद करीब पचहत्तर मिनट तक कोई मेडिकल मदद नहीं दी गई। हालात गंभीर होने के बाद एम्बुलेंस डेढ़ घंटे बाद बुलाई गई, जिससे समय पर इलाज की उम्मीद लगभग खत्म हो गई। चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया है कि घटना से पहले ज़ूबीन को पूरी रात शराब पिलाई गई, जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई। इतना ही नहीं, SIT रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ज़ूबीन की मौत के बाद उनके पैसों को मैनेजर सिद्धार्थ ने अपने बिजनेस में इन्वेस्ट किया, जिससे पूरे मामले में लालच और लापरवाही के गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

SIT की चार्जशीट में जो खुलासे हुए हैं, वो किसी को भी झकझोर कर रख देंगे। चार्जशीट के मुताबिक, ज़ूबीन गर्ग के समंदर में डूबने की जानकारी मिलने के बाद भी करीब पचहत्तर मिनट तक कोई मेडिकल मदद नहीं दी गई। न डॉक्टर… न पैरामेडिक… न एम्बुलेंस। सब जानते थे कि हालात गंभीर हैं, फिर भी एम्बुलेंस डेढ़ घंटे बाद बुलाई गई। SIT रिपोर्ट कहती है कि अधिकारियों को हादसे की जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद इलाज के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया। शायद अगर समय पर इलाज मिलता, तो ज़ूबीन की जान बच भी सकती थी। हैरानी की बात यह है कि ज़ूबीन गर्ग को बिना किसी वैध फिटनेस सर्टिफिकेट के सिंगापुर ले जाया गया था।
चार्जशीट में उस रात की कहानी भी सामने आई है, जिसने पूरे मामले को और ज्यादा सनसनीखेज बना दिया है। SIT का आरोप है कि श्यामकानू महंता के निर्देश पर ज़ूबीन गर्ग को पूरी रात शराब पिलाई गई। इतना ही नहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि श्यामकानू ने शराब की बोतल अमृतप्रभा महंता को दी, ताकि वह ज़ूबीन तक पहुंचाई जा सके। यानी एक ऐसा शख़्स, जिसकी हालत पहले से ठीक नहीं थी, उसे लगातार शराब दी जाती रही।
और फिर… मौत के बाद भी कहानी खत्म नहीं होती। SIT रिपोर्ट में एक गंभीर आरोप ये भी है कि सिद्धार्थ ने ज़ूबीन की मौत के बाद फायदा उठाने की कोशिश की। चार्जशीट के मुताबिक, ज़ूबीन का पैसा होटल हेरिटेज और महाबीर एक्वा में लगाया गया। महाबीर एक्वा — एक पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर कंपनी है, जिसका मालिक सिद्धार्थ शर्मा है।
चार्जशीट में साफ कहा गया है कि श्यामकानू महंता ने ज़ूबीन की सुरक्षा और मेडिकल के इंतज़ाम में भारी लापरवाही बरती। यही लापरवाही इस बड़ी त्रासदी की एक बड़ी वजह बनी। अब पूरे मामले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि ज़ूबीन गर्ग की मौत सिर्फ एक हादसा थी या फिर इसके पीछे लापरवाही, लालच और साजिश का कोई गहरा खेल छिपा है। SIT की रिपोर्ट ने सवालों की एक लंबी लाइन खड़ी कर दी है और अब हर किसी की नजर इस पर है कि क्या ज़ूबीन को इंसाफ मिल पाएगा या फिर यह मामला भी सवालों के बीच दब कर रह जाएगा।