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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले साल जिस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM) पर “फ़्लड जिहाद” का आरोप लगाया था, अब वही यूनिवर्सिटी सुप्रीम कोर्ट की पैनल रिपोर्ट में कटघरे में खड़ी हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (CEC) ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि यह यूनिवर्सिटी जंगल की ज़मीन पर अवैध तरीके से बनाई गई है और किसी भी तरह की मंज़ूरी नहीं ली गई थी। रिपोर्ट के अनुसार मेघालय के री-भोई ज़िले में बनी इस यूनिवर्सिटी ने 25 हेक्टेयर वन भूमि पर कब्ज़ा किया है। इनमें से लगभग 14 हेक्टेयर ज़मीन पर पहले ही निर्माण कार्य हो चुका है।

कमेटी ने इस अवैध कब्ज़े और निर्माण पर 150 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफ़ारिश की है। साथ ही आदेश दिया गया है कि कब्ज़ाई गई ज़मीन को एक साल के भीतर फिर से जंगल में बदलना होगा। यानी जो पेड़ काटे गए और जिस भूमि को नुकसान पहुँचाया गया, उसे उसकी प्राकृतिक स्थिति में वापस लाना होगा।

मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट भी फंसा

रिपोर्ट में सिर्फ USTM ही नहीं, बल्कि इसी फाउंडेशन का एक और बड़ा प्रोजेक्ट भी फंसा है। पी.ए. संगमा मेमोरियल मेडिकल कॉलेज ने भी करीब 8 हेक्टेयर जंगल को तबाह किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट ने भी भारी नुकसान पहुँचाया है और यह पूरा निर्माण बिना किसी वैध अनुमति के किया गया।

कानून की खुली धज्जियां

पैनल ने साफ़ तौर पर कहा कि न तो 1980 के फॉरेस्ट कंज़र्वेशन एक्ट से अनुमति ली गई और न ही मेघालय फॉरेस्ट रेगुलेशन 1973 का पालन किया गया। केंद्र सरकार पहले ही 2017 में इस ज़मीन को जंगल घोषित कर चुकी थी और 2021 में मेघालय वन विभाग ने भी नियम तोड़ने की बात कही थी। इसके बावजूद निर्माण जारी रहा।

क्या सच साबित हो रहा है “फ़्लड जिहाद” का आरोप?

अब बड़ा सवाल उठता है—क्या मुख्यमंत्री सरमा का “फ़्लड जिहाद” वाला आरोप सच साबित हो रहा है? क्योंकि जब जंगल काटे जाते हैं और पहाड़ खोदे जाते हैं, तो पानी की दिशा बदलती है और अचानक आने वाली बाढ़ की घटनाएं बढ़ जाती हैं। गुवाहाटी में बार-बार आने वाली फ्लैश फ्लड्स इसका बड़ा उदाहरण हैं।

2023 में जब सीएम सरमा ने USTM पर “फ़्लड जिहाद” का आरोप लगाया था, तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसे सिरे से नकार दिया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की पैनल रिपोर्ट ने यूनिवर्सिटी को अवैध ठहराते हुए जुर्माने और ज़मीन लौटाने का आदेश दिया है।

राज्य पहले ही लगातार बाढ़ की मार झेल रहा है और अब इस रिपोर्ट ने बहस को और गरमा दिया है। सवाल यह है कि पर्यावरण के साथ इस खिलवाड़ की असली कीमत आखिरकार कौन चुकाएगा?

अब USTM पर 150 करोड़ रुपये का जुर्माना, 25 हेक्टेयर जंगल लौटाने का आदेश और मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट पर भी सवाल—ये सब मिलकर सीएम सरमा के “फ़्लड जिहाद” वाले आरोप को कहीं न कहीं सही ठहराते दिखाई देते हैं।

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