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लोकसभा चुनाव-2024 के चौथे चरण में हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र में वोटिंग जारी है। हैदराबाद सीट पर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार माधवी लता और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच कड़ा मुकाबला है। इसी बीच माधवी लता के पोलिंग बूथ पर जाकर मुस्लिम महिलाओं का वोटर कार्ड चेक करने को लेकर विवाद हो रहा है।

पोलिंग बूथ पर माधवी लता मुस्लिम महिलाओं के चेहरे से बुर्का हटाकर उनका वोटर कार्ड और आधार कार्ड खुद चेक करते देखी गई हैं। इस विवाद के बढ़ने के बाद माधवी लता के खिलाफ मलकपेट पुलिस स्टेशन में आईपीसी और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

माधवी लता के खिलाफ चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने और सरकारी अधिकारी को ड्यूटी पर डिस्टर्ब करने का आरोप लगाते हुए 405(1), 171सी, 186 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वोटिंग के दौरान बीजेपी कैंडिडेट आजमपुर में मतदान केंद्र संख्या 122 पहुंची थीं। उन्होंने पोलिंग बूथ पर मौजूद महिला मुस्लिम वोटरों की आईडी की जांच की थी। आरोप है कि उन्होंने मुस्लिम महिला को चेहरे से बुर्का उठाने के लिए बाध्य किया। उनके इस कदम पर काफी हंगामा हुआ था। हैदराबाद के जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट अनुदीप दुरीशेट्टी ने इसकी पुष्टि की है। दुरीशेट्टी हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अफसर भी हैं।

माधवी लता का ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। ये वीडियो हैदराबाद के पुराने शहर के एक पोलिंग बूथ का बताया जा रहा है। वीडियो में माधवी लता पोलिंग बूथ पर मतदान के लिए बैठी महिलाओं के वोटर आईडी चेक कर रही हैं। इसी दौरान कुछ मुस्लिम महिलाओं का माधवी लता ने बुर्का हटवाकर उनका चेहरा देखा और आईडी से मिलाया। वायरल वीडियो को लेकर भाजपा उम्मीदवार की सफाई भी आई है।

तेलंगाना की हैदराबाद सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार माधवी लता ने बुर्का हटाकर महिलाओं का चेहरा देखने पर सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत बूथों पर मतदान के साथ समझौता हुआ है। पुलिस के लोगों ने महिला पुलिस कर्मियों को बुर्का पहनने वाली महिलाओं का चेहरा वोटर आईडी से मिलाने का आदेश नहीं दिया। जब मैंने पुलिस से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ये उनकी जिम्मेदारी नहीं है।

FIR पर बात करते हुए माधवी लता ने कहा कि वो किसी से डरती नहीं हैं। उन्हें FIR की चिंता नहीं है क्योंकि वो यहां न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि गुरुनाथ नाम के एक पुलिस ऑफिसर से उन्होंने कहा कि बुर्का पहनकर वोट देने वाली महिलाओं का चेहरा वोटर आईडी से मिलाएं। मगर उन्होंने मना कर दिया। वहीं जब माधवी लता ने किसी महिला पुलिस अधिकारी को इस काम पर लगाने की सलाह दी तो उन्होंने कहा कि ये पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है।

माधवी ने यह भी कहा की
“मैं एक उम्मीदवार हूं। और कानून के अनुसार उम्मीदवार को फेसमास्क के बिना आईडी कार्ड की जांच करने का अधिकार है। मैं एक पुरुष नहीं हूं, मैं एक महिला हूं और बहुत विनम्रता के साथ, मैंने उनसे केवल अनुरोध किया माधवी ने कहा अगर कोई इसे बड़ा मुद्दा बनाना चाहता है, तो इसका मतलब है कि वे डरे हुए हैं।”

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