यह भाजपा के लिए खुशी का समय है। कारण यह है कि राज्यसभा में एनडीए ने पूर्ण बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। 9 राज्यों की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले ही सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं।
राज्यसभा में अब एनडीए को बहुमत मिल चुका है, जिससे उनके सभी अटके काम आसानी से पूरे हो जाएंगे। इसमें भाजपा के सभी उम्मीदवारों ने बिना किसी परेशानी के जीत दर्ज कराई। ये सभी उम्मीदवार असम, बिहार, और महाराष्ट्र की दो-दो सीटों पर और हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना व ओडिशा की एक-एक सीट पर जीते हैं। इनमें भाजपा के 9 सांसद, कांग्रेस के एक, एनसीपी के एक और राष्ट्रीय लोक मोर्चा से एक निर्वाचित हुए हैं। इसी के साथ अब एनडीए का आंकड़ा बहुमत को छू गया है। चुने गए निवर्तमान सदस्यों का कार्यकाल 2028 तक होगा।
राज्यसभा में बढ़ी एनडीए की संख्या
12 सीटों पर निर्विरोध चुनाव के बाद अब राज्यसभा में भाजपा की संख्या बढ़कर 96 हो गई है। वहीं एनडीए की संख्या की बात करें तो यह भी बढ़कर 112 हो गई है। 245 सदस्यों की राज्यसभा में अभी आठ सीटें खाली हैं। इनमें चार जम्मू-कश्मीर की और चार मनोनीत सदस्यों की सीटें शामिल हैं। इस प्रकार राज्यसभा का वर्तमान बहुमत का आंकड़ा 119 सदस्यों का है। एनडीए को छह मनोनीत और एक निर्दलीय सदस्य का भी समर्थन प्राप्त है और इस तरह एनडीए बहुमत को पार कर चुकी है।
एनडीए को नहीं रहना होगा दूसरी पार्टियों पर निर्भर
अब राज्यसभा में भाजपा को कोई भी महत्वपूर्ण बिल पास करने के लिए बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना होगा। इधर कांग्रेस के राज्यसभा में विपक्ष नेता की कुर्सी भी सुरक्षित रहेगी। फिलहाल राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या बढ़कर 27 हो चुकी है जो कि विपक्ष कहलाने के लिए 25 सीटों से 2 अधिक है।