आज, देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर राजीव गांधी की समाधि स्थल ‘वीर भूमि’ पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि राजीव गांधी, 40 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने 1984 से 1989 तक प्रधानमंत्री पद संभाला। 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के एक आत्मघाती हमलावर ने उनकी हत्या कर दी थी।
राहुल गांधी ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि राजीव गांधी ने देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। उन्होंने भारत को आधुनिक बनाने की दिशा में कई प्रयास किए और देश की तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। राजीव गांधी के नेतृत्व में भारत ने दूरसंचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की, जिसने आज के आधुनिक भारत का गठन करने में सहायता की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने दी राजीव गांधी को श्रद्धांजलि
इस अवसर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य प्रमुख नेताओं ने भी राजीव गांधी को नमन किया। नेताओं ने राजीव गांधी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका सपना एक मजबूत, प्रगतिशील और आत्मनिर्भर भारत का था। साथ ही, उनकी विचारधारा आज भी कांग्रेस पार्टी के मार्गदर्शन के रूप में कार्य कर रही है।
पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भी राजीव गांधी के आदर्शों और देश को दिए गए योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान, राजीव गांधी के जीवन और कार्यों पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी अर्पित की राजीव गांधी को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही, कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
राजीव गांधी, जिन्हें उनकी दूरदर्शी सोच और युवा शक्ति में विश्वास के लिए जाना जाता है, आज भी भारतीय राजनीति में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में देखे जाते हैं। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करना न केवल उनके प्रति सम्मान व्यक्त करना है, बल्कि उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना भी है।