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Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

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स्वतंत्रता दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हर साल 15 अगस्त को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन भारत के लिए गर्व का प्रतीक है, क्योंकि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों की हुकूमत से आज़ाद हुआ था। इस दिन हम स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत के निर्माण के प्रति अपने दायित्व को उजागर करते हैं। इस दिन हमारा राष्ट्रगान “जन गण मन” भी गाया जाता है। अब हम राष्ट्रगान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम और जानकारियों के बारे में बात करेंगे।

राष्ट्रगान की रचना

हमारे राष्ट्रगान की रचना महान बांग्ला साहित्यकार रवींद्रनाथ ठाकुर (टैगोर) द्वारा की गई थी। इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता सत्र के दौरान प्रदर्शित किया गया था। इसे आधिकारिक रूप से 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था।

राष्ट्रगान कब गाया जाता है?

राष्ट्रगान सामान्यतः विशेष मौकों पर गाया जाता है। इसके अलावा, शैक्षणिक संस्थानों में भी इसे गाया जाता है। आइए जानते हैं, किन अवसरों पर राष्ट्रगान गाया जाता है:

  • स्कूलों में प्रार्थना के दौरान।
  • औपचारिक अवसरों पर राष्ट्रीय सलामी देते समय।
  • परेड के प्रदर्शन के दौरान।
  • राष्ट्रपति और राज्यपाल के अभिभाषण से पहले और उसके बाद।
  • औपचारिक समारोह में राष्ट्रपति और राज्यपाल के प्रवेश और प्रस्थान से पहले।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जब राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।

राष्ट्रगान के दौरान खड़े क्यों होते हैं?

जब भी राष्ट्रगान गाया जाता है, तब वहां मौजूद लोग सावधान की मुद्रा में खड़े होते हैं। यह राष्ट्रगान के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए किया जाता है।

राष्ट्रगान के लिए आचार संहिता

राष्ट्रगान गाते समय प्रत्येक व्यक्ति का सिर ऊंचा रहना चाहिए और उन्हें सामने की ओर देखना चाहिए। ध्वज फहराए जाने के समय सभी को एक स्वर में राष्ट्रगान गाना चाहिए। राष्ट्रगान को 52 सेकंड में गाना अनिवार्य है। इसके संगीत को किसी भी परेड के अनुरूप नहीं बदला जा सकता।

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