3 सितंबर को होने वाले राज्यसभा के 12 सीटों के उपचुनाव की घोषणा होते ही राजनीति में हलचल तेज हो गई है। 9 राज्यों की इन सीटों पर किसकी जीत होगी, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन इस बार मुकाबला बेहद रोमांचक और कड़ा होने वाला है।
12 सीटों का गणित: कौन बनेगा विजेता?
इस उपचुनाव में महाराष्ट्र, बिहार, असम, त्रिपुरा, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, और तेलंगाना की 12 सीटें खाली हैं। इनमें से 10 सीटें लोकसभा चुनाव में राज्यसभा सांसदों की जीत के बाद खाली हुई हैं, जबकि ओडिशा और तेलंगाना की 2 सीटें इस्तीफों के चलते खाली हुई हैं।
पिछली बार बीजेपी का इन सीटों पर दबदबा था, जिसमें महाराष्ट्र, असम, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, और ओडिशा की सीटें शामिल हैं। लेकिन इस बार का चुनावी माहौल अलग है, और विपक्षी दल भी अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
असम और राजस्थान: बीजेपी के लिए फेवरेट
असम में बीजेपी की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है। पिछली बार भी दोनों सीटों पर बीजेपी का कब्जा था, और इस बार भी एक्सपर्ट्स का मानना है कि बीजेपी यहां फिर से जीत सकती है।
राजस्थान में भी बीजेपी को मजबूत माना जा रहा है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन के चलते, राज्यसभा की इस एकमात्र सीट पर भी पार्टी के जीतने की संभावना है।
महाराष्ट्र और बिहार: कांटे की टक्कर
महाराष्ट्र और बिहार में इस बार मुकाबला बहुत ही कड़ा हो सकता है। बिहार में पिछली बार एक सीट पर आरजेडी और एक पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इस बार विपक्षी दलों की मजबूती के चलते दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
हरियाणा में कठिन मुकाबला
हरियाणा की सीट पर मुकाबला सबसे ज्यादा कठिन है। 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 44 विधायकों का समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास 43 विधायक हैं। इस छोटी सी बढ़त के बावजूद, निर्दलीय विधायकों का झुकाव चुनाव परिणाम पर बड़ा असर डाल सकता है।
ओडिशा और तेलंगाना: कौन मारेगा बाजी?
ओडिशा में बीजेपी ने बीजेडी को विधानसभा चुनाव में हराकर सत्ता हासिल की थी। इस बार भी बीजेपी की स्थिति यहां मजबूत मानी जा रही है।
तेलंगाना में कांग्रेस की अगुवाई में सरकार बनी थी, और राज्यसभा की एकमात्र सीट पर कांग्रेस के जीतने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। कांग्रेस के पास विधायकों की अच्छी संख्या है, और पार्टी तेलंगाना में अपना वर्चस्व कायम रखने की कोशिश करेगी।
क्या बदलेगा राज्यसभा का गणित?
राज्यसभा की इन 12 सीटों पर उपचुनाव के बाद, राज्यसभा का गणित बदल सकता है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनके राज्यसभा में सदस्यों की संख्या पर असर पड़ेगा।
इस बार के राज्यसभा उपचुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा और कौन बाजी मारेगा, इसका पता 3 सितंबर को चलेगा। लेकिन एक बात तो तय है कि इन 12 सीटों पर होने वाले मुकाबले में रोमांच और सस्पेंस की कोई कमी नहीं होगी।