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इस साल आम बजट में बिहार को बहुत सारी सौगात दी गई है। मगर इसके बावजूद भी जनता केंद्र सरकार से काफी नाखुश है।


पूर्वी भारत में स्थित बिहार के ऐतिहासिक महत्व से सभी परिचित है । बिहार राज्य नालंदा जैसी विख्यात विश्वविद्यालय का गढ़ रहा है। बिहार ने हमे महर्षि वाल्मीकि, वेदव्यास, गौतम बुद्ध समेत कई बड़े संत दिए है। मगर आज यही राज्य बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, उच्च हत्या दर और गिरती जीडीपी जैसे मुद्दों को लेकर सुर्खियां बटोरता है।जीडीपी में भी यह लगातार निचले स्थान पर है, जो आर्थिक विकास में तेजी से गिरावट को उजागर करता है। यह सभी समस्याएं बिहार के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में बाधाएं उत्पन्न कर रहे है।
मोदी सरकर 3.0 के आम बजट में इस बार बिहार का खास खयाल रखा गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बिहार को वित्तीय मदद देने की घोषणा की है. बजट में बिहार के लिए चार एक्सप्रेस-वे, पावर प्लांट, मेडिकल कॉलेज और महाबोधि कोरिडॉर समेत कई महत्वपूर्ण ऐलान किए गए हैं। इनमें 26 हजार करोड़ रुपये के तीन एक्सप्रेस-वे, 21 हजार करोड़ रुपये का 2400 मेगावाट का एक पावर प्लांट, मेडिकल कॉलेज और कई एयरपोर्ट शामिल हैं। फिर भी जनता इससे नाखुश है। हर तरफ लगातार विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। अब आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? क्यों बार बार लोग बिहार के लिए स्पेशल राज्य का दर्जा मांग रहे है। जाने इस विश्लेषण में।


बजट में मिली सौगात के बाद भी विशेष राज्य का दर्जा क्यों मांग रहा बिहार ?

बजट में बिहार को इतनी बड़ी सौगात मिलने के बाद भी जनता नाखुश है। बीते काफ़ी समय से जनता लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है। उनका मानना है की केवल बुनियादी ढांचे का विकास करने से प्रदेश के हालात नहीं सुधरेंगे। जनता लगातार केंद्र सरकार से मांग कर रही है की किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाए। साथ ही बच्चों के लिए बेहतर स्कूलों की व्यवस्था हो। इतना ही नहीं बिहार को बाहरी दुनिया के लोग मजदूरों का गढ़ मानती है। ऐसा इस लिए है क्योंकि युवाओं के लिए बेहतर रोजगार का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसी एक नहीं बहुत सारी समस्याएं है जिनके चलते बिहार की जनता लगातार विरोध कर रही है। साथ ही उनका मानना है की विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्र का ध्यान बिहार की तरफ ज्यादा आकर्षित होगा।
बिहार को केंद्र ने इतने सारे सौगात दिए है फिर भी जनता का विरोध जारी है।

अब जनता का कहना है की केंद्र सरकार केवल भारत का विकास करना चाहती है नाकीं लोगों का। बाहर से भले ही देश कितना भी सुंदर लगे, असली सुंदरता तो तब आएगी जब सही मायनों में लोगों का विकास होगा।

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