नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत नागरिकता प्रमाणपत्रों का पहला सेट बुधवार को जारी किया गया। केंद्र सरकार द्वारा 14 लोगों को भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। सीएए प्रमाणपत्र जारी होने के बाद पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने की प्रक्रिया शुरू हो गई। आवेदन ऑनलाइन संसाधित होने के बाद 14 लोगों को प्रमाण पत्र सौंपे गए।
सीएए प्रमाणपत्र जारी होने के बाद पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने की प्रक्रिया शुरू हो गई। आवेदन ऑनलाइन संसाधित होने के बाद 14 लोगों को प्रमाण पत्र सौंपे गए। पहली बार सीएए के तहत 14 शरणार्थियों को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत की नागरिकता प्रदान की गई। इन सभी को निष्ठा की शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर पर आईबी डायरेक्टर, भारत के रजिस्ट्रार जनरल, सेक्रेटरी पोस्ट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। गृह मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी दी। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने आवेदकों को प्रमाण पत्र सौंपने के साथ ही उन्हें बधाई दी।
केंद्र सरकार ने इसी साल 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए को लागू किया था। इस अधिनियम के तहत भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से सताए गए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जानी है। हालांकि इस अधिनियम का लाभ उन्हीं लोगों को दिया जा सकता है जो 31 दिसंबर को या उससे पहले भारत आए हों। अधिनियम के तहत पड़ोसी मुल्कों से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों ने आवेदन किया था।
सीएए के तहत भारतीय नागरिकता पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, इसके लिए सबसे पहले भारत में आने की तारीख बतानी होगी। दस्तावेजों के जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, तीनों पड़ोसी मुल्कों का कोई भी सरकारी प्रमाण पत्र चाहे वो लाइसेंस हो या शैक्षणिक। इसके अलावा आवेदक को एक पात्रता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जो यह पुष्टि करे कि आवेदक हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसा या जैन समुदाय का हो। शर्त यह है कि आवेदन लेने वाला 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत का शरणार्थी बन चुका हो।