Sach – The Reality

Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

गुजरात के सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुंभानी की उम्मीदवारी आखिरी समय पर खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए कोशिश नहीं की और बीजेपी उम्मीदवार को आसान जीत मिल गई। इस वजह से पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।

लोकसभा चुनाव 2024 में आखिरी समय पर अपना नाम वापस लेने वाले कांग्रेस उम्मीदवार ने बताया कि उन्होंने पार्टी के साथ कोई गद्दारी नहीं की। बल्कि पार्टी ने ही उनके साथ गद्दारी की थी।

नीलेश कुंभानी ने 2017 की कहानी सुनाई और इशारों में यह कहते नजर आए कि सात साल पुरानी घटना का बदला उन्होंने अब लिया है। उन्होंने बताया कि 2017 में विधानसभा का टिकट मिलने के बाद उन्होंने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। हालांकि, नामांकन के समय उनकी जगह किसी अन्य उम्मीदवार को टिकट दे दिया गया।

नीलेश ने बताया कि वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार थे और प्रचार कर रहे थे। हालांकि, कांग्रेस के कुछ नेताओं को इससे परेशानी थी। उनका कहना था कि वह आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ क्यों प्रचार कर रहे हैं। दोनों पार्टियां गठबंधन में हैं। ऐसे में प्रचार करने में क्या परेशानी हो सकती है। हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने उन्हें परेशान करना जारी रखा और उन्होंने इन्हें सबक सिखाने की सोच ली।

कुंभाणी ने अपनी गुमशुदगी के बारे में बताया कि वो नामांकन रद्द होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका डालने के लिए गए थे , कि तभी कांग्रेस के नेताओं ने उनके घर पर विरोध शुरू कर दिया, इसलिए वो गायब हो गए। कुंभाणी ने कहा कि कांग्रेस में रहना या नहीं। राजनीति करनी है या फिर नहीं। इसके बारे में वो अगले कुछ दिनों में फैसला लेंगे।

नीलेश कुंभानी के आरोपों पर कांग्रेस के नेताओं ने अभी कोइ प्रतिक्रिया नहीं दी है। कुंभानी ने यह भी कहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी की वजह से वह चुप थे पर अब स्थिति स्पष्ट कर दी है, किसी में हिम्मत है तो मुझे छूकर बताए, आज भी सभी नेता मेरे साथ है।

Wordpress Social Share Plugin powered by Ultimatelysocial