बांग्लादेश राजनीतिक इतिहास के एक अहम मोड़ पर खड़ा है। देश में 12 फरवरी, 2026 को राष्ट्रीय चुनाव होने जा रहे हैं। यह पहला चुनाव है पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के हटने के बाद। छात्र आंदोलन और अंतरिम सरकार के बाद, अब जनता अपनी नई सरकार चुनने के लिए तैयार है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला BNP, जमात-ए-इस्लामी और नई नेशनल सिटिज़न्स पार्टी के बीच होगा। वहीं, बांग्लादेश अवामी लीग इस बार चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएगी।

बांग्लादेश राजनीतिक इतिहास के सबसे अहम मोड़ पर खड़ा है। देश में राष्ट्रीय चुनाव 12 फरवरी, 2026 को होने जा रहा है, और यह पहला चुनाव है पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद। जुलाई 2024 में छात्र-आंदोलन के बाद हसीना भारत आ गई थीं, और तब से देश की अंतरिम सरकार नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चल रही है।
चुनावी प्रक्रिया के अनुसार, उम्मीदवार अपने नामांकन 29 दिसंबर, 2025 तक जमा करेंगे, जबकि प्रचार अभियान 22 जनवरी, 2026 से शुरू होकर मतदान से दो दिन पहले तक चलेगा। इस बार मतदान समय बढ़ाया गया है, और मतदान बूथ सुबह 7:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुले रहेंगे। चुनाव आयोग ने 42,000 से अधिक मतदान केंद्र और 2,44,000 से ज्यादा बूथ तैयार किए हैं, जो लगभग 1 करोड़ 27 लाख मतदाताओं को सेवा देंगे।
चुनाव प्रचार में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पोस्टर पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अलावा, जहां केवल एक उम्मीदवार है, वहां मतदाता अपनी असहमति जताने के लिए “नो वोट” का विकल्प चुन सकते हैं। अंतरिम सरकार ने इस चुनाव में हसीना की बांग्लादेश अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध और पंजीकरण निलंबित कर दिया है, जिससे पार्टी इस चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएगी।
इस चुनाव का मुख्य मुकाबला अब बेगम खालिदा जिया की BNP, जमात-ए-इस्लामी और नई बनाई गई नेशनल सिटिज़न्स पार्टी के बीच होगा, जो 2024 के छात्र-आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है। भारत ने भी इस चुनाव की घोषणा का स्वागत किया है और आशा जताई है कि यह चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और सबको शामिल करने वाला होगा।