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भारत के एविएशन सेक्टर में बड़ी हलचल मची हुई है। 2 दिसंबर से इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसल हो रही हैं, जिससे लाखों यात्री प्रभावित हुए हैं। DGCA ने अब इंडिगो को अपने शेड्यूल में 5% कटौती करने का आदेश दिया है और खाली फ्लाइट्स को एयर इंडिया, अकासा एयर और स्पाइसजेट जैसी दूसरी एयरलाइंस को अलॉट करने की योजना बनाई है। सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में चेतावनी दी है कि अगर इंडिगो की लापरवाही साबित हुई, तो CEO को जेल या भारी जुर्माना भी हो सकता है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताते हुए लगातार रुकावटों और प्रभावित यात्रियों पर चिंता जताई है।

भारत के एविएशन सेक्टर में हालात काफी तनावपूर्ण हैं। 2 दिसंबर से शुरू हुए बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन के बाद यात्रियों का गुस्सा बढ़ रहा है। इसी बीच DGCA ने इंडिगो को अपने फ्लाइट शेड्यूल में 5% की कटौती करने का आदेश दिया है। इसका मतलब है कि रोजाना लगभग 115 फ्लाइट्स अब एयर इंडिया, अकासा एयर और स्पाइसजेट जैसी दूसरी एयरलाइंस को दी जा सकती हैं, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके। DGCA का कहना है कि इंडिगो नई FDTL नियमों और क्रू की कमी की वजह से लगातार रुकावटों का सामना कर रही थी।

इस वजह से एयरपोर्ट्स पर अफरातफरी मची और लाखों यात्री प्रभावित हुए। सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और अगर इंडिगो की लापरवाही साबित होती है, तो CEO को तीन साल की जेल या 1 करोड़ रुपए जुर्माना, या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताया और कहा कि अब तक 5,000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल हो चुकी हैं और 6 लाख से अधिक यात्री प्रभावित हुए हैं। अगर इंडिगो आने वाले दिनों में अपनी उड़ानों को तय समय पर नहीं चलाती है, तो और 5% की कटौती की संभावना है।

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