टी गार्डन समुदाय के नाम पर सालों से चल रहा फर्जीवाड़ा अब सरकार के निशाने पर है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे सरकारी लाभ, आरक्षण या नौकरी नहीं मिल पाएगी। असली टी गार्डन युवाओं के हक की रक्षा के लिए सरकार एक बड़ी “स्पेशल पॉलिसी” ला रही है, और इसका सीधा असर उन सभी पर पड़ेगा जिन्होंने गलत तरीके से फायदा उठाने की कोशिश की है।

असम में टी गार्डन समुदाय के नाम पर चल रहा फर्जीवाड़ा अब खत्म होने वाला है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने साफ कहा है कि टी गार्डन समुदाय के असली युवाओं का हक अब कोई नहीं छीन सकेगा। हाल के मेडिकल एडमिशन में जब बड़ी संख्या में फर्जी टी गार्डन सर्टिफिकेट मिले, तब सरकार चौकन्नी हो गई। इसके बाद सरकार ने फैसला लिया कि अब टी गार्डन के नाम पर फर्जी दस्तावेज़ बनाकर सरकारी लाभ लेने वालों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा। इसी के लिए सरकार एक खास “स्पेशल पॉलिसी” लाने जा रही है।
इस पॉलिसी के तहत बराक और ब्रह्मपुत्र क्षेत्रों की अलग-अलग सूची बनाई गई है, ताकि असली लोगों की पहचान बिल्कुल साफ रहे और फर्जी दावेदार तुरंत पकड़े जाएं। सरकार अब सरकारी भर्ती में भी गहरी जांच करेगी, ताकि नौकरी और अन्य लाभ सिर्फ उन्हीं युवाओं को मिलें जो सच में टी गार्डन समुदाय से आते हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि 3 प्रतिशत आरक्षण और बाकी सुविधाएं सिर्फ असली हकदारों तक पहुंचेंगी, और अब फर्जी सर्टिफिकेट दिखाकर किसी को फायदा नहीं मिलेगा।