ज़ुबिन गर्ग की आखिरी फिल्म ‘रोई रोई बिनाले’ ने अमेरिका में असमिया समुदाय के दिलों को छू लिया है। मिशिगन से लेकर टोरोंटो, शिकागो, डेट्रॉइट, अटलांटा और ऑस्टिन तक, हर जगह दर्शक भावुक हो गए। इस फिल्म ने सिर्फ असम में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी असमिया सिनेमा के लिए नया इतिहास रचा है।

अमेरिका में असमिया समुदाय के लिए यह एक बहुत खास पल था। मिशिगन में Assam Association of Michigan ने ज़ुबिन गर्ग की आखिरी फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी। इस इवेंट में ज़ुबिन गर्ग के सम्मान में एक सीट खाली छोड़ी गई, जिसे देखकर कई लोग भावुक हो गए। स्क्रीनिंग में असमिया लोग बड़ी संख्या में पहुंचे और फिल्म देखते हुए ज़ुबिन गर्ग की यादों से जुड़े दिखे।
मिशिगन के बाद यह फिल्म टोरोंटो, ओहायो और कई पड़ोसी राज्यों में भी दिखाई गई, और हर जगह लोगों ने इसे दिल से अपनाया। अमेरिका के कई शहरों—जैसे टोरोंटो, नॉर्थ कैरोलाइना, शिकागो, डेट्रॉइट, अटलांटा, ऑस्टिन और डलास—में भी फिल्म की स्क्रीनिंग हो चुकी है और लोग इसे देखकर बेहद भावुक हुए हैं।

जहां भी फिल्म दिखाई गई, असमिया समुदाय इसे एक ट्रिब्यूट की तरह देख रहा है और ज़ुबिन गर्ग के प्रति अपने प्यार को खुलकर व्यक्त कर रहा है। उधर, असम के थिएटरों में भी ‘रोई रोई बिनाले’ लगातार शानदार कमाई कर रही है और दर्शक बड़ी संख्या में इसे देखने पहुंच रहे हैं।
यह असमिया सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक पल है, क्योंकि यह पहली असमिया फिल्म है जो भारत में रिलीज़ होने के सिर्फ 15 दिनों के अंदर अमेरिका में स्क्रीन की गई। यह उपलब्धि असमिया फिल्मों के लिए एक माइल्स्टोन मानी जा रही है।
आने वाले दिनों में न्यू जर्सी और बॉस्टन में भी स्पेशल शो रखे जा रहे हैं, और बे एरिया में भी फिल्म दिखाई जाएगी। इसके अलावा सिएटल और लॉस एंजेलिस में स्क्रीनिंग जोड़ने पर भी चर्चा चल रही है।

दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में असमिया लोग इस फिल्म को देखकर गौरव और भावनाओं से भरपूर अनुभव कर रहे हैं। ‘रोई रोई बिनाले’ न केवल ज़ुबिन गर्ग की याद को ताज़ा कर रही है, बल्कि असमिया सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में भी सफल रही है।