असम की बेटी और वर्ल्ड कप विजेता उमा छेत्री को आखिरकार उनके हक़ का सम्मान मिलेगा। भारत की महिला क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप जिताने में योगदान देने के बाद जब उमा छेत्री अपने घर असम लौटीं, तो उनके स्वागत में किसी सरकारी अधिकारी या राजनीतिक नेता की मौजूदगी नहीं थी। एयरपोर्ट पर केवल कुछ गोरखा समुदाय के लोग ही उन्हें स्वागत करने आए थे। इस बात ने पूरे राज्य में आक्रोश और नाराज़गी फैला दी, और लोगों ने सवाल उठाए कि देश को गौरवान्वित करने वाली इस बेटी के साथ ऐसा क्यों हुआ।

इस पर असम क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) ने कदम उठाया। ACA के अध्यक्ष तरंगा गोगोई ने बताया कि 9 नवंबर 2025 को उमा छेत्री के सम्मान में एक औपचारिक फेलिसिटेशन समारोह आयोजित किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि BCCI ने ACA को उमा के आगमन की जानकारी पहले नहीं दी थी, इसलिए एयरपोर्ट पर कोई विशेष स्वागत संभव नहीं हो पाया। हालांकि, एक ACA अधिकारी एयरपोर्ट पर मौजूद थे, लेकिन देर रात होने की वजह से कोई बड़ा आयोजन नहीं किया जा सका। लेकिन इसका मतलब यह भी तो नहीं कि राज्य सरकार को कोई तैयारी करनी ही नहीं चाहिए थी।
खैर..कहते है न देर आए दुरुस्त आए, अब 9 नवंबर को उमा छेत्री के सम्मान में एक औपचारिक फेलिसिटेशन समारोह आयोजित किया जाएगा। यह फेलिसिटेशन समारोह सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि यह पूर्वोत्तर की पहली महिला क्रिकेटर के लिए गर्व का पल होगा, जिसने भारत को वर्ल्ड कप जीत दिलाने में अहम योगदान दिया।
और साथ ही यह राज्य की सरकारी उदासीनता और लापरवाही की याद भी दिलाएगा उमा छेत्री, जो भारत को वर्ल्ड कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अब 9 नवंबर को पूरे आदर और सम्मान के साथ सम्मानित होंगी। लेकिन सवाल यह है कि क्यों इतनी बड़ी उपलब्धि पर सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाने में इतना विलंब और अनदेखी दिखाई।