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सोनापुर के ज़ुबिन क्षेत्र को लेकर असम में राजनीति फिर गरमाई हुई है।
रायजर दल के प्रमुख और विधायक अखिल गोगोई ने सीधे केंद्रीय मंत्री अशोक सिंघल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ज़ुबिन क्षेत्र के पास जमीन पर अवैध कब्ज़ा किया है। गोगोई ने चेतावनी दी है कि यदि यह जमीन तुरंत खाली नहीं की गई, तो वे और उनके साथी खुद जाकर इसे सुरक्षित करेंगे।

अखिल गोगोई ने कहा कि वे ज़ुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि देने और आसपास की हिल्स की जांच करने आए थे। उन्होंने बताया कि यह इलाका जनजातीय स्मृति स्थल है, जिसे किसी भी कीमत पर सुरक्षित रखा जाना चाहिए। गोगोई ने जोर देकर कहा कि ज़ुबिन क्षेत्र और आसपास की जमीन केवल जनजातीय उपयोग और सार्वजनिक हित के लिए ही रहनी चाहिए।

गोगोई ने अशोक सिंघल पर आरोप लगाया कि वे असम के बाहरी व्यक्ति हैं, जिनका मकसद केवल जमीन खरीदकर निजी संपत्ति बनाना है। मंत्री पद मिलने के बाद उनके पास सत्ता का ऐसा लाभ आया कि उन्होंने अपने निजी हितों के लिए इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की कोशिश की।

अखिल गोगोई ने चेतावनी दी कि किसी भी समुदाय या व्यक्ति को जनजातीय क्षेत्र में ज़मीन लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर कोई ऐसा प्रयास करता है, तो उसे तत्काल रोका जाएगा और हटाया जाएगा।

ज़ुबिन क्षेत्र के आसपास की बाकी जमीन को स्मृति स्थल और सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित करने की भी योजना है। गोगोई ने सरकार से कहा कि वह इस मामले में खुलकर जवाब दे और यह स्पष्ट करे कि ज़मीन किसके नाम पर है।
अभी तक अशोक सिंघल की ओर से इस गंभीर आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सवाल ये है — क्या सोनापुर के ज़ुबिन क्षेत्र की जमीन वास्तव में सुरक्षित रहेगी, या सत्ता और निजी हितों के खेल में यह भी खतरे में आ जाएगी?

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