पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर तनाव अब चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तान ने काबुल पर एयर स्ट्राइक की, जिसके तुरंत जवाब में अफगान सेना ने पाकिस्तान की कई सीमा चौकियों पर धावा बोल दिया और मोर्चा खोल दिया।
तालीबान के नेतृत्व वाली अफगान सेना ने दुरंड रेखा पार कर कई चौकियों पर कब्जा कर लिया और इस झड़प ने कुनर और हेलमंद प्रांत तक अपना असर दिखाया। अफगानिस्तान का दावा है कि इस संघर्ष में 60 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और सैकड़ों को हिरासत में लिया गया।
इस बीच, भारत समेत कई देशों ने सीमा पर शांति बनाए रखने की अपील की है, क्योंकि यह झड़प पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक संकेत दे रही है। पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया कि वह अफगान सेना का समर्थन कर रहा है, लेकिन भारत ने इसे पूरी तरह खारिज किया और कहा कि वह अफगानिस्तान के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता।
यह विवाद अब सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई रक्षा डील की भी परीक्षा बन गया है, जिसमें किसी एक देश पर हमला दूसरे देश पर हमला माना जाएगा और दोनों ने ‘संयुक्त सुरक्षा’ की गारंटी दी थी। इस झड़प के बाद सऊदी अरब ने तुरंत बयान जारी किया और दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की अपील की, वहीं कतर ने भी शांतिपूर्ण समाधान की सलाह दी। पाकिस्तान का मीडिया अफगान सेना के खिलाफ झूठी खबरें फैलाने में जुटा हुआ है, जिसमें अफगान चौकियों के ध्वस्त होने और कई अफगान सैनिकों की मौत की जानकारी दी गई, लेकिन अफगान सेना ने न केवल पाकिस्तानी सैनिकों को मात दी बल्कि उनके हथियार भी अपने कब्जे में लेकर वापस अफगान सीमा में लौट आए।
दोनों देशों की सेनाएं अब तोप और हथियारों के साथ एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रही हैं, और यह स्थिति पूरी सीमा पर खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी है। पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और यह केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि खाड़ी देश और पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है।