असम के मशहूर गायक जुबीन गर्ग के जोनाली स्टूडियो को लेकर CID की जांच में कई सनसनीखेज़ खुलासे सामने आए हैं। जांच में पता चला कि स्टूडियो में इस्तेमाल हुए माइक की असली कीमत ₹5,08,474 थी, लेकिन कागज़ों में इसे ₹16 लाख दिखाया गया। यानी करीब ₹11 लाख का घोटाला।
CID के सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में मुख्य आरोपी सिद्धार्थ शर्मा और शेखरज्योति गोस्वामी हैं। सिद्धार्थ शर्मा ने खुद कबूल किया कि पिछले दो सालों से उनका जुबीन गर्ग के साथ रिश्ता बिगड़ा हुआ था। जाँच में यह भी सामने आया कि सिद्धार्थ ने जुबीन की मर्ज़ी के खिलाफ दो इवेंट एक ही दिन में आयोजित किए, और जब जुबीन का खारघुली वाला घर बन रहा था, तब उन्होंने कई मैनिपुलेटिव गतिविधियाँ कीं।
सिद्धार्थ ने अपने क़बूती के ज़रिए जुबीन के काम, पैसों और व्यक्तिगत फैसलों पर पूरी तरह कंट्रोल रखा। CID ने यह भी पता लगाया कि उन्होंने जो भी व्यक्ति जुबीन के करीब आता, उसे धीरे-धीरे उनसे दूर कर दिया। इस पूरे खेल में शेखरज्योति गोस्वामी का भी पूरा सहयोग था। दोनों आरोपियों ने हर कदम को पहले से प्लान किया था।
जांच में मिली रसीदों से साफ हुआ कि स्टूडियो के अन्य उपकरण और साउंड सिस्टम की कीमतें भी फर्जी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई गई थीं। दिलचस्प बात यह है कि इसी दौरान शेखरज्योति ने तीन मंज़िला बिल्डिंग खरीद ली, जबकि जुबीन खुद सालों तक अपना घर नहीं बना पाए।
माइक, जिसका उपयोग जुबीन ने 20 से ज़्यादा गाने रिकॉर्ड करने में किया, अब इस पूरे विवाद का केंद्र बन गया है। जांच जारी है और SIT अधिकारियों द्वारा आरोपियों से सीधी पूछताछ की जा रही है। जुबीन गर्ग के फैंस और असम की जनता इस मामले की हर अपडेट पर नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि यह सिर्फ पैसों का मामला नहीं बल्कि भरोसे और विश्वास का भी बड़ा संकट है।