172 साल पहले अंग्रेजों ने भारत में रेलवे की शुरुआत की थी, लेकिन मिज़ोरम की राजधानी आइजोल को अब जाकर रेलवे की सौगात मिली है। आज, 13 सितंबर 2025 का दिन मिज़ोरम के इतिहास में दर्ज हो गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैराबी से सेरांग तक बनने वाली नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का उद्घाटन किया है। इस परियोजना की लागत 8070 करोड़ रुपये से ज्यादा रही और यह मिज़ोरम को पहली बार विशाल भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ती है।
यह रेलवे लाइन बेहद चुनौतीपूर्ण इलाके से होकर बनाई गई है। नुकीले पहाड़, गहरी घाटियाँ और घने जंगल — इन सबके बीच 45 सुरंगें और 150 से ज्यादा पुल बनाए गए हैं। इनमें से एक पुल तो दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचा है। यही नहीं, इस प्रोजेक्ट के साथ चार नए रेलवे स्टेशन—हस्तकी, कावनपुई, मुअलखांग और सेरांग—भी तैयार किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आइजोल में 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐलान किया कि मालगाड़ी सेवाएँ तुरंत शुरू होंगी और रविवार से तीन यात्री ट्रेनें भी चलेंगी। इनमें दिल्ली के लिए राजधानी एक्सप्रेस, कोलकाता के लिए ट्राई-वीकली एक्सप्रेस और गुवाहाटी के लिए मिज़ोरम एक्सप्रेस शामिल हैं। अब मिज़ोरम के लोग देश के बड़े शहरों तक सीधे ट्रेन से पहुँच सकेंगे।
यात्रियों के लिए यह बदलाव किसी वरदान से कम नहीं है। अब तक सिलचर से आइजोल तक सड़क मार्ग से सफर करने में लगभग 1000 रुपये खर्च होते थे और लंबा समय भी लगता था। लेकिन अब यही दूरी ट्रेन से सिर्फ 80 रुपये में तय होगी। इससे न सिर्फ समय और पैसा बचेगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में भी लोगों को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी।
यह 51 किलोमीटर लंबी बैराबी-सेरांग रेलवे लाइन केंद्र सरकार की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” का हिस्सा है। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने इसका शिलान्यास किया था और 2015 से काम शुरू हुआ था। पूरे 10 साल की मेहनत के बाद यह सपना आज हकीकत बन गया। फिलहाल इस मार्ग पर डीज़ल इंजन चलेगा और गुवाहाटी पहुँचने के बाद इसे इलेक्ट्रिक इंजन से बदलकर दिल्ली तक ले जाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि लंबे समय तक देश की कुछ राजनीतिक पार्टियों ने मिज़ोरम को अनदेखा किया, लेकिन अब नॉर्थ ईस्ट भारत का फ्रंटलाइन है। सचमुच, मिज़ोरम की यह पहली ट्रेन यात्रा न सिर्फ राज्य को, बल्कि पूरे नॉर्थ ईस्ट को विकास की नई राह पर ले जाएगी।