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जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर कुदरत का कहर देखने को मिला है। किश्तवाड़ के बाद अब कठुआ जिला भारी तबाही का गवाह बना। शनिवार और रविवार की दरमियानी रात कठुआ के राजबाग इलाके के जॉड घाटी गांव में बादल फट गया, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

कई जगहों पर तबाही
बादल फटने की घटना कठुआ के तीन अलग-अलग स्थानों पर हुई। भारी बारिश के कारण सैलाब और भूस्खलन से कई घर मलबे में दब गए। घाटी क्षेत्र में हालात बेहद खराब हैं। जम्मू-पठानकोट नेशनल हाइवे को भी नुकसान पहुंचा है। गांव का बाकी इलाकों से संपर्क टूट गया है और जमीन व संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है।

राहत और बचाव कार्य जारी
घटना के बाद प्रशासन और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। लगातार बारिश राहत कार्यों में बाधा डाल रही है, लेकिन NDRF, SDRF और सेना की टीमें प्रभावित इलाकों में मलबा हटाने और फंसे लोगों को निकालने में जुटी हैं।

मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जनहानि और नुकसान पर गहरा दुख जताया। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को तुरंत राहत, रेस्क्यू और निकासी की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावित परिवारों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित किया जा सके।

खतरे के निशान पर उझ नदी
भारी बारिश के चलते अधिकांश जल स्रोतों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। उझ नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जल स्रोतों से दूर रहें और सुरक्षा के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

तीन दिन में दूसरी बड़ी घटना
जम्मू-कश्मीर में बीते तीन दिनों में यह दूसरी बार है जब बादल फटने से भारी तबाही हुई है। इससे पहले किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना में 65 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अब भी लापता हैं। वहां भी राहत और बचाव अभियान जारी है।

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