गुवाहाटी के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल गौहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) के सुपरिंटेंडेंट और सीनियर डॉक्टर डॉ. अभिजीत शर्मा इन दिनों खबरों में हैं। वजह है उनका हाल ही में कोलकाता में हुआ किडनी ट्रांसप्लांट, जिसने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है।
सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने सवाल उठाए कि अगर GMCH जैसे बड़े अस्पताल का सबसे सीनियर डॉक्टर भी इलाज के लिए राज्य से बाहर जा रहा है, तो असम की हेल्थ व्यवस्था पर जनता कितना भरोसा कर पाएगी? कई लोगों ने असम सरकार के उस दावे को भी कटघरे में खड़ा कर दिया, जिसमें वह स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति की बात करती है।
इन आलोचनाओं और अफवाहों के बीच असम के हेल्थ मिनिस्टर अशोक सिंघल ने सफाई दी है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि डॉ. शर्मा का कोलकाता जाना किसी मेडिकल सुविधा की कमी नहीं, बल्कि कानूनी मजबूरी का नतीजा था। असम में मौजूदा मेडिकोलीगल नियमों के तहत गैर-रिश्तेदार (non-related donor) से अंग प्रत्यारोपण की इजाज़त नहीं है, जबकि कोलकाता जैसे शहरों में ऐसी प्रक्रियाएं कानूनी रूप से संभव हैं।
मंत्री सिंघल ने अपने बयान में कहा, “कुछ लोग गलत जानकारी फैला रहे हैं कि असम की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था की वजह से डॉ. शर्मा को बाहर जाना पड़ा। सच्चाई ये है कि GMCH जैसे हॉस्पिटल हर साल लाखों मरीजों का इलाज करते हैं, वो भी बेहद अच्छे स्तर पर।”
फिलहाल, डॉ. अभिजीत शर्मा कोलकाता के रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज (RTIICS) में भर्ती हैं। उन्हें गंभीर किडनी संबंधी समस्या के कारण गुवाहाटी से कोलकाता शिफ्ट किया गया था। बताया जा रहा है कि उनका किडनी ट्रांसप्लांट हाल ही में सफलतापूर्वक किया गया है और उनकी हालत स्थिर है।