स्पेन इन दिनों भयंकर बाढ़ और लगातार मूसलाधार बारिश की चपेट में है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें सबसे ज्यादा मौतें वालेंसिया शहर में हुई हैं। इस शहर में बाढ़ का सबसे अधिक प्रभाव देखा जा रहा है, जहां कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। हालात को देखते हुए अधिकारियों ने खतरे की चेतावनी जारी कर दी है, लेकिन कई जगहों पर सड़कें टूट जाने के कारण आपातकालीन सेवाएं समय पर नहीं पहुँच पा रही हैं।
मौसम विभाग ने तटीय क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी किया है और करीब 1,000 बचावकर्मियों को तैनात किया गया है। ।, जो राहत और सफाई कार्यों में जुटे हुए हैं। हालांकि, कई क्षेत्रों में बिजली और फोन नेटवर्क की सेवाएं भी बाधित हो गई हैं, जिससे राहत कार्यों में और भी चुनौतियां सामने आ रही हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस मूसलाधार बारिश का कारण चक्रवात दाना है जो भारी बारिश का कारण बना है। दूसरी ओर, इस आपदा के बीच प्रशासन की लापरवाही भी सवालों के घेरे में है। रिपोर्ट्स के अनुसार, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने के लिए चेतावनी जारी करने में काफी देरी हुई। मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट जारी करने के 12 घंटे बाद तक लोगों को आवश्यक सूचना नहीं मिल पाई, जिससे कई लोगों को समय पर ऊंची जगहों पर जाने का मौका नहीं मिला।
कुछ क्षेत्रों में हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि वहाँ राहत पहुँचाने के लिए केवल हेलीकॉप्टर का सहारा लिया जा रहा है। सरकार ने आपातकालीन अलर्ट जारी कर लोगों से घरों के अंदर सुरक्षित रहने या ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है। स्पेन की मौसम विज्ञान एजेंसी ने विशेष रूप से वालेंसिया सहित कुछ इलाकों में अत्यधिक बारिश की चेतावनी दी है। कई लोग अब भी लापता हैं और उनके बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं मिल पा रही है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्पेन में कोर्ट रूम और स्कूलों को मुर्दाघरों में बदलना पड़ा है। सड़कें अब भी जलमग्न हैं, और कई जगहों पर लोग छतों पर फंसे हुए हैं, जिनके पास बाहर निकलने का कोई साधन नहीं है। बाढ़ से हजारों गाड़ियां एक-दूसरे के ऊपर पलटी हुई नजर आ रही हैं, और अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग 50,000 गाड़ियां बह चुकी हैं। इस संकट के बीच स्पेन की जनता प्रशासनिक व्यवस्थाओं और प्रतिक्रिया की देरी पर सवाल उठा रही है, क्योंकि समय पर चेतावनी देने से शायद नुकसान को कम किया जा सकता था।