अयोध्या इस बार दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरी तरह सज-धज कर तैयार है। 25 लाख दीयों की रौशनी से पूरा शहर जगमगाएगा और लगातार सातवीं बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने का प्रयास हो रहा है। यह दिवाली खास है, क्योंकि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली बार इतनी भव्यता के साथ दीपोत्सव मनाया जा रहा है।
राम मंदिर के नवनिर्मित परिसर को विशेष रूप से सात जोन में बांटकर सजाया गया है। हर जोन में 100-100 दीयों की कतारें या विशेष आकृतियों के स्केच बनाए गए हैं, जिन्हें शाम 6 बजे जलाया जाएगा और ये दीप तीन घंटे तक लगातार जलते रहेंगे। सरयू नदी के घाटों पर 28 लाख दीयों को रोशन करने की योजना बनाई गई है, जिसमें 25 लाख दीयों से नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य है। इस दौरान ग्रीन आतिशबाजी का प्रदर्शन भी होगा, जो बिना प्रदूषण फैलाए 120 से 600 फीट की ऊँचाई तक रंग-बिरंगी रोशनी बिखेरेगी। लोग 5 किलोमीटर के दायरे में इस अद्भुत नजारे का आनंद ले सकेंगे।
भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के आगमन को खास बनाने के लिए उन्हें पुष्पक विमान से लाया जाएगा। रामकथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे और वहां भगवान राम का राज्याभिषेक किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में 1,100 लोग सरयू नदी के तट पर विशेष ‘आरती’ करेंगे। इस अवसर पर रामायण के प्रसंगों पर आधारित भव्य झांकियों का प्रदर्शन भी किया जाएगा, जो पूरे शहर में भ्रमण करेंगी।
अयोध्या की गलियां, चौराहे, और सरयू नदी के घाट रोशनी से जगमगा रहे हैं। घाट नंबर 10 पर 80,000 दीयों से स्वस्तिक का आकार बनाया गया है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है। 55 घाटों पर दीयों की गिनती का काम मंगलवार देर रात तक चलता रहा। स्थानीय कारीगरों को 28 लाख दीयों का ऑर्डर दिया गया था, ताकि अगर इसमें 10 प्रतिशत भी दीये डैमेज होते हैं तब भी 25 लाख का टारगेट हासिल किया जा सके।
दीपोत्सव के दौरान सुरक्षा के लिए पूरे अयोध्या में 10,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें से आधे सिविल ड्रेस में होंगे। राम की पैड़ी की ओर जाने वाले 17 रास्तों को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है और केवल पासधारकों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है।
पशुपालन विभाग ने इस अवसर पर 1.5 लाख ‘गौ दीप’ जलाने का संकल्प लिया है। साथ ही, राम जन्मभूमि मंदिर में कालिख और प्रदूषण से बचने के लिए विशेष लैंप का उपयोग किया जा रहा है।
दीपोत्सव में सिर्फ स्थानीय ही नहीं, बल्कि म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, कंबोडिया, मलेशिया और इंडोनेशिया के कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। उत्तराखंड की रामलीला प्रस्तुति इस आयोजन का खास हिस्सा होगी, जबकि कई राज्यों के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। घाटों पर करीब 5000-6000 लोगों की मेजबानी की व्यवस्था की गई है.
अयोध्या के कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण दूरदर्शन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी किया जाएगा। शहर भर में 40 जंबो एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं ताकि अधिक से अधिक लोग इस भव्य आयोजन को देख सकें। 30,000 से अधिक वॉलंटियर्स घाटों को सजाने और व्यवस्था बनाए रखने में जुटे हैं। पूरा मंदिर परिसर फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है, जिससे रामनगरी की दिव्यता और बढ़ गई है।