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संसद सत्र के दूसरे दिन ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी पारा हाई हो गया। ये सियासी पारा लोकसभा के स्पीकर के चुनाव को लेकर हुआ। सरकार ने एनडीए की ओर से ओम बिरला को लोकसभा के स्पीकर के नाम की घोषणा की। विपक्ष ने भी INDIA ब्लॉक की ओर से के. कोडिकुन्निल सुरेश को लोकसभा स्पीकर बनाए जाने की शर्त रख दी। कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में के. सुरेश ने नामांकन भी दाखिल कर दिया। आजादी के बाद से लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष की सहमति से होता रहा है।

विपक्ष की ओर से 8 बार के सांसद के. सुरेश का नाम आ जाने के बाद लोकसभा स्पीकर के चुनाव की लड़ाई अब काफी दिलचस्प हो गई है। लोकसभा के स्पीकर का चुनाव बुधवार को होना है। यहां ये जानना बेहद जरूरी है कि 72 साल में ये तीसरी बार ऐसा मौका है, जब सदन में स्पीकर को लेकर चुनाव होने जा रहा है। इसके पहले साल 1952 और 1976 में स्पीकर को लेकर चुनाव हुआ था। अब बुधवार सुबह 11 बजे इस पद के लिए वोटिंग होगी. उसके बाद ही लोकसभा स्पीकर कौन होगा, ये स्पष्ट हो पाएगा।

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन सकी। कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और द्रमुक नेता टीआर बालू लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए राजग उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से बाहर आ गए। वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने उपाध्यक्ष पद विपक्ष को देने की प्रतिबद्धता नहीं जताई। इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और यदि नरेंद्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा।

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपने नामांकन पर कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, की “मैंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। यह पार्टी का फैसला है, मेरा नहीं। लोकसभा में परंपरा है कि अध्यक्ष सत्ता पक्ष से होगा और उपाध्यक्ष विपक्ष से होगा…उपाध्यक्ष हमारा अधिकार है। लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी इसे हमें देने को तैयार नहीं हैं। । इसलिए हमने नामांकन दाखिल किया।”

इंडिया ब्लॉक द्वारा के सुरेश को लोकसभा पद के लिए मैदान में उतारने पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद पीयूष गोयल ने कहा,की “…सुबह राजनाथ सिंह मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा करना चाहते थे लेकिन वो व्यस्त थे इसलिए वेणुगोपाल से बात हुई । लेकिन टीआर बालू और केसी वेणुगोपाल से बात करने पर उन्होंने कहा कि पहले यह तय हो कि लोकसभा का उपाध्यक्ष कौन होगा और फिर अध्यक्ष के लिए समर्थन दिया जाएगा, पीयूष गोयल ने कहा, की हम इस तरह की राजनीति की निंदा करते हैं…”
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा की , “अध्यक्ष पद को लेकर विपक्ष के सभी नेताओं से हमारी बातचीत हुई। अध्यक्ष किसी पार्टी के लिए नहीं होता, सदन के कामकाज के लिए होता है। अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से होता है। यह निराशाजनक है कि कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। अध्यक्ष पद के लिए कभी कोई चुनाव नहीं हुआ है। कांग्रेस ने यह शर्त रखी कि अगर उन्हें उपसभापति का पद मिलता है तो वे अध्यक्ष पद के लिए हमारे उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। अध्यक्ष और उपसभापति के पदों को लेकर यह लेन-देन ठीक नहीं है…” byteटीआर बालू और केसी वेणुगोपाल से बात करने पर उन्होंने कहा कि पहले यह तय हो कि लोकसभा का उपाध्यक्ष कौन होगा और फिर अध्यक्ष के लिए समर्थन दिया जाएगा, पीयूष गोयल ने कहा, की हम इस तरह की राजनीति की निंदा करते हैं…”

इंडिया ब्लॉक द्वारा के सुरेश को लोकसभा पद के लिए मैदान में उतारने पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा की , “…प्रधानमंत्री कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं, कल उन्होंने सर्वसम्मति की बात कही और आज वे उपसभापति का पद भी देने को तैयार नहीं हैं, इसलिए अगर पहले जैसा अहंकार रहा तो लोकतंत्र को बचाने और सदन की गरिमा को बचाने के लिए इंडिया ब्लॉक का संघर्ष जारी रहेगा और इसीलिए हमने सुरेश (उम्मीदवार) को अपनी तरफ से खड़ा किया है।

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