
हॉन्गकॉन्ग के ताइ पो जिले में भीषण आग ने हड़कंप मचा दिया है। इस हादसे में अब तक 128 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग लापता हैं। आग में 76 लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। अधिकारियों ने हादसे की क्रिमिनल जांच शुरू कर दी है और ठेकेदार के साथ दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
हॉन्गकॉन्ग के ताइ पो जिले में बुधवार को लगी भीषण आग ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक इस हादसे में अब तक 128 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। 76 लोग घायल हुए हैं और कई की हालत गंभीर बनी हुई है। संभावना जताई जा रही है कि हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है।
सरकार ने इस हादसे की क्रिमिनल जांच शुरू कर दी है। इस मामले में पुलिस ने ठेकेदार और दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने नियमों के अनुसार सुरक्षित सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे यह विनाशकारी आग फैली। इस रिहायशी कॉम्प्लेक्स में जुलाई 2024 से निर्माण का काम चल रहा था। अधिकारियों का कहना है कि आग तेजी से फैलने में स्टायरोफोम जैसी ज्वलनशील सामग्री और बाहर लगी जाली का बड़ा हाथ रहा। यही वजह थी कि आग सिर्फ फ्लैट्स तक ही नहीं रुकी, बल्कि गलियारों और कई मंजिलों तक फैल गई।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस हादसे पर शोक जताया और कहा कि सभी लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं ताकि नुकसान कम से कम हो। आग वांग फुक कोर्ट नाम की 40 साल पुरानी इमारत में लगी थी। मरम्मत के लिए लगी बांस की स्कैफोल्डिंग को आग फैलने का कारण बताया जा रहा है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह अकेली वजह नहीं थी। असल में प्लास्टिक की जाली, फायर-रिटार्डेंट न होने वाली शीट और खिड़कियों में इस्तेमाल स्टायरोफोम ने आग को तेजी से फैलने में मदद की।
बचाव दल को भी आग बुझाने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई मंजिलों पर तापमान इतना अधिक था कि फायर फाइटर्स तक नहीं पहुंच पा रहे थे। इसी दौरान एक फायर फाइटर हो वाई-हो की भी मौत हो गई। वे पिछले 9 साल से फायर सर्विसेज डिपार्टमेंट में सेवा दे रहे थे। यह हादसा न सिर्फ मानव जीवन की संवेदनशीलता को दिखाता है, बल्कि सुरक्षा नियमों और सावधानी के महत्व को भी साफ़ करता है।