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सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न उच्च न्यायालयों से कथित लीक और गड़बड़ी से संबंधित सभी मामलों पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) दोनों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तक जवाब मांगा है।


सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न उच्च न्यायालयों से कथित लीक और गड़बड़ी से संबंधित सभी मामलों पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) दोनों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तक जवाब मांगा है।
कार्यवाही के दौरान, पीठ ने कुल 14 याचिकाओं पर विचार किया, जिनमें से 10 याचिकाएँ 49 छात्रों और एक प्रमुख छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर की गई थीं। इसके अलावा, एनटीए द्वारा चार याचिका एँ प्रस्तुत की गईं।
याचिकाओं में उठाई गई प्रमुख मांगों में से एक थी NEET परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए अदालत द्वारा नियुक्त समिति का गठन। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस मांग को खारिज कर दिया।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले रुख को दोहराते हुए चल रही NEET काउंसलिंग प्रक्रिया को रोकने से इनकार कर दिया। पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि अंतिम सुनवाई के बाद परीक्षाएं जारी रहती हैं, तो काउंसलिंग प्रक्रिया भी बिना किसी रुकावट के जारी रहनी चाहिए।
छात्रों की शिकायतों पर प्रकाश डालते हुए, उनका प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों में से एक ने बताया कि मेघालय केंद्र के उम्मीदवारों ने परीक्षा के दौरान 45 मिनट गंवा दिए थे और उन्हें एनटीए द्वारा पुनः परीक्षा के लिए पहले से चिन्हित 1563 छात्रों में शामिल किया जाना चाहिए।
जवाब में, पीठ ने केंद्र सरकार और एनटीए को कार्यवाही पर रोक लगाए बिना 8 जुलाई तक अपने जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिससे देश भर में एनईईटी प्रक्रिया की निरंतरता सुनिश्चित करते हुए उठाए गए मुद्दों को शीघ्रता से हल करने की अपनी प्रतिबद्धता का संकेत मिलता है।

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