केंद्र सरकार ने हाल ही में लद्दाख में पाँच नए जिले बनाने का ऐलान किया है। ये नए जिले होंगे: जांस्कर, द्रास, शाम, नुब्रा, और चांगथांग। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की, और उन्होंने इसे लद्दाख के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी बताया।
लद्दाख, जो कि वर्तमान में दो जिलों—लेह और कारगिल—में बंटा हुआ था, अब कुल सात जिलों में विभाजित होगा। इसमें से जांस्कर और द्रास कारगिल रीजन में आएंगे, जबकि शाम, नुब्रा, और चांगथांग लेह रीजन में शामिल होंगे। यह कदम लद्दाख के क्षेत्रीय विकास और प्रशासन में सुधार के लिए उठाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस निर्णय की सराहना की और कहा कि इससे लद्दाख के लोगों को बेहतर सुविधाएं और अवसर मिलेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि नए जिलों के गठन से शासन को और भी प्रभावी बनाया जा सकेगा और लोगों के दरवाजे तक सेवाएं पहुँचाई जा सकेंगी।
गृह मंत्रालय ने नए जिलों के गठन के बाद विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया है। यह समिति नए जिलों के मुख्यालय, सीमाओं, संरचना, और अन्य आवश्यक पहलुओं पर ध्यान देगी। इसे तीन महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय आगे की कार्रवाई करेगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर इस फैसले की घोषणा की और बताया कि यह कदम एक समृद्ध और विकसित लद्दाख की दिशा में है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के दृष्टिकोण के तहत यह निर्णय लिया गया है और इससे लोगों के जीवन में सुधार होगा।
लद्दाख में अतिरिक्त जिलों की मांग लंबे समय से की जा रही थी। लद्दाख के सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने भी बार-बार नए जिलों की आवश्यकता को उठाया था। अब, इस निर्णय से स्थानीय प्रशासन को बेहतर तरीके से संचालित किया जा सकेगा और लोगों को अपनी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर मिल सकेगा।
प्रांत को 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। उस समय जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया था। लद्दाख एक केंद्र शासित प्रदेश बना, जबकि जम्मू और कश्मीर दूसरा। इस विभाजन के साथ ही अनुच्छेद 370 को भी समाप्त कर दिया गया था, जिससे जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा मिला था।
लद्दाख में अब जिलों की संख्या बढ़ाकर कुल सात कर दी गई है, जो कि आजादी के बाद पहली बार हुआ है। यह फैसला लद्दाख के विकास और बेहतर प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान तेजी से किया जा सकेगा और लोगों को उनके अधिकार और सुविधाएं मिल सकेंगी।
इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद, लद्दाख के लोग आशान्वित हैं कि अब उनके क्षेत्र में विकास और प्रगति की नई दिशा मिलेगी। यह कदम निश्चित रूप से लद्दाख के भविष्य को उज्जवल बनाएगा और वहाँ की जनता की समस्याओं को सुलझाने में मदद करेगा।