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आजकल लोगों में कुत्तों के काटे जाने की कई घटनाएँ सामने आ रही हैं। इसी के चलते देश में हर साल करीब 18,000 से 20,000 लोगों की जान जाती है। साथ ही, 30% से 60% केसेस 15 साल से कम उम्र के बच्चों में पाए जाते हैं। कई मामले तो ऐसे भी हैं जिनके बारे में रिपोर्ट भी नहीं किया जाता। अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर रैबीज़ वायरस क्या होता है और इसका इलाज क्या है।

क्या है रैबीज़?

रैबीज़ एक घातक बीमारी है, मगर सही समय पर टीका लग जाने से इससे बचा जा सकता है। सही समय पर इलाज न होने पर इंसान की मौत हो जाती है। इसलिए कुत्ते के काटने को कभी अनदेखा न करें और अगर आपको भी किसी कुत्ते ने काट लिया है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

क्यों होता है रैबीज़?

रेबीज़ वायरस रैबीज़ संक्रमण का कारण बनता है। यह वायरस संक्रमित जानवरों, खासतौर पर कुत्तों की लार के ज़रिए फैलता है। संक्रमित जानवर किसी दूसरे जानवर या व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकते हैं। दुर्लभ मामलों में, रैबीज़ तब फैल सकता है जब संक्रमित लार किसी खुले घाव या श्लेष्म झिल्ली, जैसे कि मुंह या आंखों में चली जाती है।

रैबीज़ के कुछ बड़े लक्षण

रैबीज़ एक वायरस है जो प्रायः किसी संक्रमित जानवर के काटने या खरोंच से फैलता है। रैबीज़ वायरस आपके मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को संक्रमित करता है। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे हो सकते हैं, जिनमें कमजोरी, सिरदर्द, और बुखार शामिल हो सकते हैं।

फ्लू जैसे लक्षण:

इसमें बुखार होना, शरीर में तेज दर्द होना आदि शामिल है।


शरीर में कमजोरी आना:

यह रैबीज़ का लक्षण हो सकता है। अगर आपको कुत्ते या किसी अन्य जानवर ने काट लिया है और आपने कोई भी टीका नहीं लगवाया है, तो सावधान हो जाएं। यह एक गंभीर समस्या है, इसलिए इसे इग्नोर न करें।


शरीर में दर्द होना:

जैसे हाथ, कंधा, गला, और पीठ में असहनीय दर्द होना। यह रैबीज़ के शुरुआती लक्षण की ओर इशारा करता है।

अजीबोगरीब व्यवहार:

यह रैबीज़ का मुख्य लक्षण हो सकता है। इसे अनदेखा बिल्कुल न करें। सामान्यतः रैबीज़ से ग्रसित व्यक्ति अजीबोगरीब तरीके से बर्ताव करने लगते हैं।
अचानक चक्कर आना या बेहोशी

यह भी रैबीज़ की ओर इशारा करता है। अगर कुत्ते ने काटा हो, तो तुरंत इंजेक्शन लगवाएं। देर करने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।

रैबीज़ से बचने के उपाय

  • अपने पालतू जानवर, जैसे कुत्ते और बिल्ली का नियमित वैक्सीनेशन कराएं।
  • सड़कों पर रह रहे कुत्तों से सावधान रहें।
  • सड़कों पर रह रहे कुत्तों में अगर बदला हुआ मिज़ाज देखा जाए, तो इसकी सूचना तुरंत जानवरों के विशेषज्ञों को दें।
  • अपने पालतू जानवर का खास ध्यान रखें। उन्हें किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन से बचाकर रखें।
  • संक्रमित जानवरों से दूरी बनाए रखें।
  • नियमित रूप से अपने पालतू जानवरों की जाँच करवाएं।


यदि आपको भी कुत्ते ने काट लिया है, तो सावधान हो जाइए। आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए। साथ ही, इसका टीका अवश्य ही लें, वरना यह घातक हो सकता है।

रैबीज़ का इलाज

यदि आप रैबीज़ वायरस के संपर्क में आए हैं, तो आपका डॉक्टर आपको पोस्ट-एक्सपोज़र रैबीज़ वैक्सीन देगा। कुछ लोगों को ह्यूमन रैबीज़ इम्युनोग्लोबुलिन नामक एंटीबॉडी भी दी जाएगी, जो आपको संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती है। इसके बाद रैबीज़ के टीके की एक श्रृंखला समय-समय पर दी जानी चाहिए, आमतौर पर 2 सप्ताह तक।

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