केंद्रीय मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने 22 मार्च को बिहार के स्थापना दिवस के अवसर पर शुरू होने वाले सप्ताहभर चलने वाले कार्यक्रमों में भाग लेने का निर्णय लिया है। ये कार्यक्रम देशभर के लगभग 75 स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे और इनमें बिहार की ऐतिहासिक धरोहर, संस्कृति और राज्य के विकास की उपलब्धियों को प्रमुखता से मनाया जाएगा।
यह आयोजन बिहार की गौरवशाली विरासत और राज्य को विकसित बनाने के सरकार के प्रयासों को उजागर करने का एक अवसर है। भाजपा नेताओं ने इस आयोजन को ‘स्नेह मिलन’ का नाम दिया है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल का हिस्सा बताया है। इस पहल का उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति और धरोहरों का जश्न मनाना है और यह आयोजन बिहार के विकास के साथ-साथ अन्य राज्यों के बीच भाईचारे और एकता को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
भाजपा ने इस आयोजन के जरिए बिहार में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास किया है, विशेष रूप से चुनाव से पहले। पार्टी नेताओं को बिहार के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को संजोने की दिशा में सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को उजागर करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि यह आयोजन बिहार से बाहर रह रहे प्रवासी बिहारियों को राज्य के विकास में भागीदार बनाने के साथ-साथ उनके मन में भाजपा के प्रति सकारात्मक विचार उत्पन्न करेगा।
बिहार से बड़ी संख्या में लोग रोजगार और शिक्षा के लिए देशभर के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं। इस प्रवासी आबादी को राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला माना जाता है, क्योंकि ये लोग अपने गांव-घर से मजबूत संबंध बनाए रखते हैं और इनका प्रभाव अपने संबंधित क्षेत्रों में होता है। इस आयोजन का एक प्रमुख उद्देश्य बिहार के प्रवासी नागरिकों को राज्य के विकास में भागीदारी के लिए प्रेरित करना और उनके भीतर राज्य की राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में रुचि पैदा करना है।
इसके अलावा, इस आयोजन के माध्यम से बिहार के विकास, उसकी शैक्षिक उपलब्धियों और सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं को उजागर किया जाएगा। यह राज्य के महत्व को स्वीकार करते हुए देशभर में बिहार की उपस्थिति को और भी मजबूत करेगा।
बिहार को 22 मार्च 1912 को तत्कालीन बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग करके एक अलग राज्य बना दिया गया था। तब से लेकर अब तक बिहार ने कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे हैं और इसने भारतीय राजनीति, संस्कृति और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बिहार का यह स्थापना दिवस, जो हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है, राज्य की गौरवशाली यात्रा का प्रतीक है और यह कार्यक्रम इस राज्य की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उपलब्धियों का उत्सव है।
भा.ज.पा. का यह आयोजन बिहार की राजनीतिक और सांस्कृतिक शक्ति को बढ़ावा देने, राज्य की सफलता को मनाने और प्रवासी बिहारियों से जुड़ने का एक अहम कदम है। इसके साथ ही, यह प्रधानमंत्री मोदी की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।