बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं, लेकिन सरकार को जनता के मुद्दों से ज्यादा राजनीति में दिलचस्पी है। ऐसा लग रहा है मानो मोहम्मद यूनुस की सरकार कट्टरपंथी ताकतों के दबाव में काम कर रही है, इससे देश के सामने एक बड़ा संकट पैदा होता जा रहा है, अगर समय रहते कोई ठोस उपाय नहीं किए गए तो इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लग सकता है।
शेख हसीना सरकार के बाद बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को क्यों लग रहा है झटका?
बांग्लादेश का वो धंधा जो दुनियाभर में नाम कमा रहा था, अब चौपट पड़ गया है। शेख हसीना सरकार में जिसकी बदौलत बांग्लादेश दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी चीन तक को टक्कर दे रहा था वह अब चौतरफा संकट से घिरा है। लेकिन फिलहाल यूनुस सरकार इस चुनौती से निपटने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाती नहीं दिख रही है। अंतरिम सरकार के अब तक लिए गए बड़े फैसलों से ऐसा लगता है कि उसे अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता ज्यादा है।
क्या कट्टरपंथी ताकतें बना रहीं हैं बांग्लादेश की राजनीति में बाधा?
मोहम्मद यूनुस की सरकार के फैसले कट्टरपंथियों और इस्लामवादियों को खुश करने वाले ज्यादा और जनता व देश की भलाई वाले कम नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि देश का सबसे कमाऊ धंधा कई तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है.दरअसल हम बात कर रहे हैं बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग की।
बीते 3 दशक में बांग्लादेश ने इसी कपड़ा उद्योग की ही बदौलत अपनी तकदीर और तस्वीर बदलने में कामयाबी हासिल की थी लेकिन वर्तमान हालात ऐसे हैं कि 2030 के लिए सेट किया गया लक्ष्य हासिल करना बेहद मुश्किल दिखाई पड़ रहा है। दरअसल बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था मुख्य तौर पर निर्यात पर ही निर्भर है, जिसमें ब्रांडेड कपड़ों का निर्यात का बहुत बड़ा योगदान रहा है। बांग्लादेश की पूर्ववर्ती सरकार ने 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के गारमेंट एक्सपोर्ट का लक्ष्य रखा था। जो अब ग्लोबल और लोकल दोनों ही स्तरों पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालांकि देश के कपड़ा कारोबारियों को अब भी उम्मीद है कि अगर समय रहते सही उपाय कर लिए गए तो यह टारगेट हासिल किया जा सकता है।
हाल के आंकड़ों के अनुसार, चीन गारमेंट एक्सपोर्ट में सबसे आगे है, जबकि बांग्लादेश उसके बाद दूसरे स्थान पर है। 2023-24 में बांग्लादेश ने 3600 करोड़ डॉलर का कपड़ा एक्सपोर्ट किया, लेकिन घरेलू समस्याओं ने इस उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है। उद्योगपति अब सरकार से पॉलिसी सपोर्ट की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि वे 2030 के लक्ष्य को हासिल कर सकें।
कपड़ा उद्योग की समस्याओं को कैसे हल किया जा सकता है?
बिजली संकट और गैस की कमी जैसे वैश्विक चुनौतियों का सामना करना इस उद्योग के लिए बहुत आवश्यक है। पिछले दो वर्षों से बिजली संकट बढ़ता जा रहा है, जिससे उत्पादन में रुकावट आ रही है। इसके अलावा, गैस आपूर्ति भी मांग के अनुसार नहीं हो पा रही है, जिससे निर्माताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्पोटर्स एसोसिएशन (BGMEA) के पूर्व अध्यक्ष फारूक हसन का कहना है कि खरीददार बांग्लादेश की ओर लौट रहे हैं। इस बात से उम्मीद है कि अगर सरकार समय पर बिजली और गैस की आपूर्ति में सुधार करती है, तो 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के गारमेंट एक्सपोर्ट का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
अगर मोहम्मद यूनुस की सरकार असली मुद्दों पर ध्यान केंद्रित नहीं करती, तो बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग गंभीर संकट में पड़ सकता है, और इससे देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा।