पूरी दुनिया भर के देशों में बर्ड फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अमेरिका से लेकर यूरोप तक ये बीमारी फ़ैल रही हैं। इसी कड़ी में भारत में इंसानों में बर्ड फ्लू का वायरस पहुंच गया है। WHO ने इस बात की पुष्टि की है। WHO के अनुसार, पश्चिम बंगाल में एक 4 साल का बच्चा इस वायरस से संक्रमित पाया गया है।
इसको लेकर आशंका जताई जा रही हैं कि किसी पक्षी की वजह से ये संक्रमण बच्चों में हुआ है। इसी वजह से संक्रमित बच्चे की पूरी केस डिटेल भी देखी जा रही है। बच्चे में बर्ड फ्लू का वायरल आने के बाद हेल्थ एक्सपर्ट्स चिंता में हैं। उन्होंने लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।
WHO का कहना है कि वायरस से पीड़ित बच्चा गंभीर सांस की समस्या, तेज बुखार और पेट में ऐंठन के कारण फरवरी से अस्पताल में भर्ती था और तीन महीने इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वायरस से पीड़ित बच्चा घर और उसके आस-पास के इलाकों में स्थित पोल्ट्री के संपर्क में था। बच्चे के परिवार के किसी अन्य सदस्य में H9N2 वायरस के लक्षण नहीं देखे गए हैं।
बर्ड फ्लू के इस वायरस का यह भारत में दूसरा मामला है। इससे पहले साल 2019 पहला मामला सामने आया था। यह वायरस पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है लेकिन बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता। अधिकारी इस बच्चे के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की जांच कर रहे हैं।
क्या है इसका इलाज ?
अगर किसी को बर्ड फ्लू हो जाए तो इसका पता टेस्ट से चलता है। हालांकि यह टेस्ट हर जगह नहीं होता है। इसलिए पता लगने में समय लगता है। लेकिन इसका इलाज है। आमतौर पर एंटीवायरल दवाओं से इस बीमारी का इलाज किया जाता है
कैसे बचें इस बीमारी से?
इससे बचने का सबसे बेस्ट तरीका यही है कि जहां पॉल्ट्री फॉर्म हो वहां जाए ही नहीं। अगर वहां जाना जरूरी है तो पूरी तरह से आंख, नाक, कान आदि को ढक कर जाएं। इसके लिए प्रोटेक्टिव गीयर लगाकर जाएं। जब भी बाहर से हाथ-पैर को अच्छी तरह से साबुन से धो लें। अगर आसपास बर्ड फ्लू का प्रकोप है तो किचन को साफ-सुथरा रखें और चिकन को अच्छी तरह पकाएं। कम से इसे 75 डिग्री आंच पर पकाएं। अंडे को भी अच्छी तरह उबाल लें। बेहतर रहेगा कि कच्चा डेयरी प्रोडक्ट से भी दूरी बना लें।