जम्मू-कश्मीर की सुहानी वादियों में फिर से आतंकी हमले बढ़ रहे है, ऐसा लगता है मानो इस बार आतंकी कोई विशेष लक्ष्य ले कर चले है। पहले आतंकवादियों की ओर से घाटी में आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाता था, लेकिन सेना और सुरक्षा बलों की ओर से वहां पर लगातार सख्ती बरते जाने से ऐसी घटनाओं में बहुत हद तक कमी आई है।
मगर गौर करने वाली बात ये है की इस बार ये हमलें कश्मीर की घाटियों में नहीं बल्कि शांति से रहने वाला जम्मू की घाटियों से हो रहें हैं।पिछले कुछ समय से जम्मू क्षेत्र में ऐसे हमलें बढ़ते चले जा रहे हैं। जून से लेकर अब तक यहां पर कम से कम 8 ऐसे हमले हुए जिसमें सुरक्षाबलों और आतंकवादियों का सामना हुआ।
हमले का जिम्मेदार आखिर कौन?
हमले के बाद सेना की ओर से जवाबी कार्रवाई की जा रही है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है। पिछले महीने 11 जून की रात 8 बजे आतंकवादियों ने हीरानगर के सैदा सुखल गांव में जवानों पर हमला कर दिया। हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक जवान शहीद हो गया था। हालांकि सुरक्षा बलों ने बाद में एनकाउंटर में 2 आतंकियों को मार गिराया।
अब तक कहा कहा हुए हमले?
कठुआ में हुए आतंकी हमले से 2 दिन (5-6 जुलाई) पहले कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच भारी फायरिंग हुई। बड़े सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। 2 दिन तक चली जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने 8 आतंकवादी मार गिराए, लेकिन इस दौरान 2 जवान भी शहीद हो गए। सुरक्षाबलों ने 2 दिनों तक चिन्निगम फ्रिसल और मोडरगाम इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया था।
फिर 26 जून को डोडा जिले के गंदोह इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई जिसमें 3 पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे। कई घंटे चली गोलीबारी के बाद मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुए थे।
पीएम नरेंद्र मोदी के 20 जून को जम्मू-कश्मीर पहुंचने से पहले 19 जून को सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने उत्तरी कश्मीर के बारामूला में 2 आतंकवादियों को मार गिराया तो रियासी में श्रद्धालुओं पर हुए हमले के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। रियासी हमले के मामले में यह पहली गिरफ्तारी थी।
9 जून को आतंकवादियों की ओर से पिछले कुछ समय के अंदर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया गया जिसमें कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई। केंद्र शासित प्रदेश के रियासी जिले की सीमा से लगे कालाकोट तहसील में शिव खोड़ी मंदिर से लौट रही एक बस पर आतंकवादियों ने अचानक हमला कर दिया। हमले में 9 श्रद्धालु मारे गए जबकि 43 अन्य लोग घायल हुए थे। हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली।
अब सरकार ने भी साफ साफ शब्दों में चेतावनी दिया है की इन हमलों की जवाबी कारवाई कभी भी और बहुत बड़े पैमाने पर हो सकती है।