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पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषित आतंकवादी मसूद अजहर को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया है।


बिलावल भुट्टो ने एक इंटरव्यू में कहा कि “पाकिस्तान को नहीं पता कि मसूद अजहर कहां है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत यह साबित कर दे कि अजहर पाकिस्तान में छिपा है और उसके पास पक्के सबूत हों, तो पाकिस्तान उसे गिरफ्तार कर लेगा।
भुट्टो ने दावा किया कि भारत ने अब तक कोई ऐसा ठोस सबूत नहीं दिया है, जिससे यह साबित हो सके कि मसूद अजहर पाकिस्तान में ही है। उन्होंने यह भी कहा कि संभव है कि अजहर अफगानिस्तान में हो।
इतना ही नहीं, बिलावल भुट्टो ने एक और विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि “अगर अफगानिस्तान में मौजूद नाटो फोर्सेस मसूद अजहर को नहीं पकड़ सकीं, तो पाकिस्तान से ऐसा करने की उम्मीद करना प्रैक्टिकल नहीं है।”


बता दें कि मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) नामक आतंकी संगठन का संस्थापक और प्रमुख है, जो पाकिस्तान में स्थित है। 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में इसी संगठन का नाम सामने आया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे, और भारत ने इस हमले के पीछे मसूद अजहर को जिम्मेदार ठहराया था।
भुट्टो के इस बयान से भारत में नाराजगी की लहर है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या पाकिस्तान एक बार फिर आतंकियों को बचाने की कोशिश कर रहा है? और क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद पाकिस्तान अब भी आतंकियों को शरण देने से पीछे नहीं हट रहा?
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत वैश्विक मंचों पर बार-बार पाकिस्तान को आतंकवाद के पनाहगार के रूप में उजागर करता रहा है। बिलावल भुट्टो के इस कथन ने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है कि पाकिस्तान की सरकारें और नेता, आतंकवाद के मुद्दे पर कितने गंभीर हैं।

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