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नेपाल में राजनीतिक तूफान भयंकर रूप ले चुका है। राजधानी काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति पौडेल के निजी आवास पर कब्जा कर आगजनी की। हिंसा लगातार बढ़ रही है, पांच मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली दुबई जाने की तैयारी में हैं। प्रदर्शनकारी अब केवल सोशल मीडिया बैन नहीं, बल्कि पीएम ओली के इस्तीफे और राजशाही की वापसी की मांग कर रहे हैं। नेपाल की स्थिति अब पूरी दुनिया की निगाहों में है।

नेपाल में राजनीतिक तूफान पूरी ताक़त से चल रहा है। राजधानी काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर धावा बोल दिया और आग लगा दी। Gen-Z युवाओं का यह आंदोलन अब क्रांति का रूप ले चुका है। हिंसा इतनी भयंकर हो गई है कि पथराव, लाठीचार्ज और आगजनी आम हो गई है। सरकार पर दबाव इतना बढ़ गया है कि गृह, कृषि और स्वास्थ्य मंत्री समेत पांच मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। कई मंत्रियों के घरों को भी आग के हवाले किया गया।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इलाज का बहाना बनाकर दुबई भागने की फिराक में हैं और उन्होंने उपप्रधानमंत्री को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। प्राइवेट हिमालय एयरलाइंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है ताकि किसी भी वक्त ओली देश छोड़ सकें।

हालात अब बेकाबू हैं। कर्फ्यू और सुरक्षा के सख्त इंतजामों के बावजूद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। लोग केवल सोशल मीडिया बैन हटाने से संतुष्ट नहीं हैं, वे प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे और राजशाही की वापसी की मांग पर अड़े हैं। नेपाल की स्थिति अब बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी दिखने लगी है, जहां देशव्यापी आंदोलन के बाद सत्ता बदल गई थी और राष्ट्राध्यक्ष देश छोड़कर भाग गए थे।

Gen-Z प्रदर्शन ने सरकार की नींव हिला दी है। नेपाल इस वक्त भयानक राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया और वहां आगजनी कर दी। राजधानी काठमांडू समेत कई इलाकों में हिंसा, तोड़फोड़ और पथराव लगातार बढ़ रहे हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही Gen-Z पीढ़ी सरकार के खिलाफ खुलकर सड़कों पर उतर आई है। इस आंदोलन ने अब क्रांति का रूप ले लिया है और सरकार के मंत्री और नेताओं को सीधा निशाना बनाया जा रहा है। गृह, कृषि और स्वास्थ्य समेत पाँच मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं, जबकि कई मंत्रियों के घरों में आग लगा दी गई है। लगातार दबाव में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इलाज का बहाना बनाकर दुबई भागने की तैयारी कर रहे हैं और उन्होंने उपप्रधानमंत्री को कार्यवाहक जिम्मेदारी सौंपने का मन बनाया है। सूत्रों के मुताबिक प्राइवेट हिमालय एयरलाइंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है ताकि किसी भी वक्त ओली देश छोड़ सकें। हालात काबू से बाहर होते जा रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, तो पुलिस ने लाठीचार्ज, आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, लेकिन गुस्साई भीड़ शांत नहीं हुई। कर्फ्यू और सुरक्षा के सख्त इंतजामों के बावजूद प्रदर्शनों का दायरा और बड़ा हो रहा है। लोग अब केवल सोशल मीडिया बैन हटाने से संतुष्ट नहीं हैं, उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री ओली तुरंत इस्तीफा दें और देश में फिर से राजशाही की वापसी हो। नेपाल की हालत अब बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी दिखने लगी है, जहां बड़े पैमाने पर आंदोलन के बाद सत्ता बदल गई थी और राष्ट्राध्यक्ष देश छोड़कर भाग गए थे। नेपाल में यह आंदोलन अब सिर्फ विरोध नहीं रहा, बल्कि एक जनविद्रोह बन चुका है, जिसने ओली सरकार की नींव हिला दी है।

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