देश में कोरोना महामारी एक बार फिर से सक्रिय हो गई है और इस बार नए वैरिएंट्स के साथ यह और भी ज़्यादा चिंता का कारण बन रही है। बीते कुछ दिनों में कोविड के सक्रिय मामलों की संख्या 4000 के पार पहुंच चुकी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना से पांच लोगों की मौत हुई है, जो इस वायरस की गंभीरता को दोबारा साबित करती है।
विशेष रूप से केरल में सबसे ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं, जहां 1400 से अधिक सक्रिय मरीज हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली जैसे बड़े राज्यों में भी कोरोना की गति तेज हो रही है और ये क्षेत्र रेड ज़ोन घोषित किए जा चुके हैं। कुल मिलाकर देश में बीते चार दिनों में 31 मौतें दर्ज की गई हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स JN.1, LF.7, XFG और NB.1.8.1 सामने आ चुके हैं। इनमें से JN.1 वैरिएंट टेस्टिंग में आधे से ज़्यादा मामलों में पाया जा रहा है, जिससे यह साफ़ होता है कि वायरस अब अपने स्वरूप बदलकर वापस आ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ये नए वैरिएंट्स संक्रमण की बढ़ोतरी का मुख्य कारण हो सकते हैं।
सरकारें फिर से अलर्ट मोड में हैं। सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, ICU बेड और दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह स्थिति गंभीर हो सकती है। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और साफ-सफाई का ध्यान रखना अब पहले से भी ज़रूरी हो गया है।
मौसम में बदलाव और पिछले कुछ समय में कोविड के नियमों में ढील भी संक्रमण के बढ़ने की वजह मानी जा रही है। ऐसे में सरकारें जहां अपने स्तर पर तैयारियां कर रही हैं, वहीं आम लोगों को भी अपनी सुरक्षा के लिए सजग रहना होगा।
क्या हम फिर से कोविड के साए में लौट रहे हैं? यह सवाल अब हर किसी के दिमाग में है। सावधानी और जिम्मेदारी से ही हम इस खतरे को दूर कर सकते हैं।
गैरज़रूरी भीड़-भाड़ से बचें, मास्क लगाएं और समय-समय पर हाथ धोते रहें। यही सबसे बड़ा बचाव है।