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बीते दिनों दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर के आईएएस कोचिंग सेंटर में हुआ दर्दनाक हादसा। इस हादसे में 3 यूपीएससी अभ्यर्थीयों की जान चली गई । अब त्रासदी के मद्देनजर, इंदौर प्रशासन ने 31 जुलाई को सुरक्षा प्रावधानों की कमी के कारण शहर में बेसमेंट में संचालित होने वाले 13 कोचिंग संस्थानों को सील कर दिया।

उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) घनश्याम धनगर ने कहा, “छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने बेसमेंट में चल रहे 13 अध्ययन संस्थानों को सील कर दिया है। इनमें कोचिंग संस्थान और पुस्तकालय भी शामिल हैं।” उन्होंने कहा की इन कोचिंग संस्थानों के परिसर तंग थे, इनमें केवल एक ही प्रवेश-निकास था और अग्नि सुरक्षा उपकरणों का अभाव था। आप को बता दे कि चार अध्ययन संस्थानों में प्लाईवुड की दीवारें और छतें थीं। ऐसी संरचनाएं छात्रों की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक हैं। उन्हे भी सील कर दिया गया है।

अब दिल्ली की घटना को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी और एमपी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए कई अवैध कोचिंग संस्थाओं को सील कर दिया। बिहार सरकार ने भी जांच के आदेश दे दिए है। मगर, देशभर के अलग अलग राज्यों में कई ऐसे अध्ययन केंद्र है जो किसी भी सुरक्षा मापदंडों का पालन नहीं करते। और तो और वे सभी अवैध रूप से चल रहे है। ऐसे में इन कोचिंग संस्थाओं के ऊपर कार्यवाई कब होगी? क्या सरकार फिर से दिल्ली जैसे हादसों का इंतजार कर रही है?  

एक छात्र ने कहा की दिल्ली में हुई त्रासदी के बाद ही प्रशासन ने सख्ती बरती, ऐसा क्यों? एक अन्य सिविल सेवा अभ्यर्थी ने कहा कि दिल्ली घटना में तीन छात्रों की मौत के बाद ही क्यों जागी सरकार? यह रवैया लापरवाही दर्शाता है। अधिकारियों को नियमित रूप से अध्ययन संस्थानों का निरीक्षण करना चाहिए।

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