आजकल हर कोई बिहार की बात कर रहा है। सब यही कह रहे है की बिहार बहुत ज्यादा पिछड़ा हुआ प्रदेश है। मगर किसी का भी ध्यान दिल्ली की तरफ नहीं गया। वैसे तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली बाहर से चकाचौंध भरी दिखती है, पर अंदर से जो हालात है उसके बारे में शायद ही कोई चर्चा कर रहा है।
बीते दिनों दिल्ली के पुराने राजिंदर नगर में हुए दर्दनाक हादसे ने 3 यूपीएससी अभ्यर्थीर्यों की जान ले ली। यही नहीं, कल दिल्ली के आशा किरण आश्रय गृह में भी 14 लोगों की मौत हो गई। कल दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके में स्कूल के पास सीवर में एक बच्चा गिर गया। बच्चे की जान भी जा सकती थी। पर समय रहते वह बच गया। अब सवाल यह है कि दिल्ली के हालात आखिर इतने क्यों बिगड़ गए?
क्यों लगातार दिल्ली हो रही हादसों का शिकार?
बीतें एक महीनें के अंदर दिल्ली में ऐसे ऐसे हादसे हुए जिसने सरकार के प्रबंधन पर गहरे सवाल खड़े कर दिए है। राजिंदर नगर हादसे के बाद आप सरकार ने कई सारे कानून बनाए, मगर ऐसा लगता है वे सभी केवल यूपीएससी अभ्यर्थीर्यों को खुश करने के लिए ही बनाए गए है।
अब हाल ही की बात है। डिफेंस कॉलोनी इलाके में स्कूल के पास सीवर में एक बच्चे के गिरने से मामला और भी गंभीर हो जाता है। बच्चे के पिता अजीत सिंह ने चौकाने वाले खुलासे किए। उनका कहना है सीवर पर एक प्लाईबोर्ड था, वह टूट गया और मेरा बच्चा उसमें गिर गया। गड्ढा बहुत गहरा था और मुझे उसे निकालने में काफ़ी दिक्कत आई। ऐसे में यह सभी घटनाए दिल्ली सरकार के खराब प्रबंधन की और इशारा करती है।
खैर चुनाव से पहले सरकार ने वादे तो किए मगर चुनाव जीतने के बाद उसे पूरा करना भूल गई। 2022 के एमसीडी चुनाव के दौरान भी लोगों ने आप को इसलिए वोट दिया ताकि उनकी समस्याओं का समाधान निकल जाए। मगर यहा तो सब उलटा हो रहा है। जहा समस्याएं कम होनी चाहिए थी वहा समस्या और भी ज्यादा बढ़ गई। बरहाल आप सरकार ने कई सारे कानून तो बनाए मगर सभी एका-एक धराशायी होतें दिख रहे है।