असम के तिनसुकिया जिले के काकोपथार में देर रात को दहशत फैल गई। 16 अक्टूबर की रात, अज्ञात हमलावरों ने यहां भारतीय सेना के एक कैंप पर हमला किया। उन्होंने ग्रेनेड फेंके और बेतहाशा फायरिंग की।

रिपोर्ट्स के अनुसार, रात के लगभग 12:30 बजे तीन अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (UBGL) फायर किए गए, इसके बाद करीब 30 मिनट तक लगातार गोलीबारी हुई। इस दौरान धमाके और गोली की आवाज़ से इलाके में अफरा-तफरी मच गई और आसपास के लोग डर के मारे घरों में छुप गए।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, हमलावर एक ट्रक में आए थे और उसी में भाग गए। इस हमले में तीन सेना के जवान घायल हुए हैं, जिनकी स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। सुरक्षा बलों ने तुरंत इलाके को घेर लिया और काकोपथार और आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इस दौरान नागरिकों की आवाजाही भी रोक दी गई है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस हमले में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ULFA (Independent) का हाथ हो सकता है। यह हमला असम के ऊपरी इलाकों में हाल के महीनों में सबसे बड़ी और साहसी हमलों में से एक माना जा रहा है।
एक बड़ी जानकारी के अनुसार, पुलिस ने हमलावरों द्वारा इस्तेमाल किए गए ट्रक को बरामद किया है। यह ट्रक AS 25 EC 2359 नंबर का था और इसे असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा के पास नोआ-डिहिंग नदी के तट पर तेंगापानी घाट से रिकवर किया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हमलावर डूमडूमा की तरफ से आए और कैंप पर हमला किया।

हमले के बाद, हमलावर अरुणाचल प्रदेश की तरफ भागने में सफल हुए। सेना और पुलिस ने सीमा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर संयुक्त अभियान शुरू किया है, ताकि हमलावरों को पकड़ा जा सके।
अभी पुलिस और सेना दोनों ऊपरी असम में हाई अलर्ट पर हैं। तलाशी अभियान लगातार जारी है और सुरक्षा बल इस सुनियोजित हमले के पीछे छिपे समूह का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
यह हमला न केवल सेना के लिए, बल्कि पूरे इलाके के लिए एक चेतावनी की तरह है, और स्थानीय लोगों में भी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।