अगर आप पान मसाला, गुटखा या सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए झटका साबित हो सकती है। जीएसटी काउंसिल ने इन सामानों पर अब तक का सबसे बड़ा टैक्स लगाने का फैसला किया है।
काउंसिल ने पान मसाला, गुटखा, तंबाकू और सिगरेट पर 40 प्रतिशत का “स्पेशल टैक्स” लगाने का निर्णय लिया है। खास बात यह है कि यह टैक्स पहले से लग रहे 28 प्रतिशत जीएसटी के ऊपर होगा। यानी अब इनकी कीमतें और ज्यादा बढ़ने वाली हैं। पहले ही महंगे दामों से परेशान उपभोक्ताओं के लिए यह खबर और भारी साबित हो सकती है।
क्यों लगाया गया यह टैक्स?
दरअसल, इन चीज़ों को “Sin Goods” माना जाता है। ऐसे सामान लोगों की सेहत पर सीधा बुरा असर डालते हैं। गुटखा और तंबाकू के ज्यादा सेवन से कैंसर और कई गंभीर बीमारियाँ होती हैं। सरकार पर भी हेल्थकेयर का बोझ बढ़ता है। इसी वजह से इन सामानों को और महंगा करके लोगों को इनके इस्तेमाल से दूर रखने की कोशिश की जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ सरकार ने आम लोगों को राहत भी दी है। घी, दूध, इलेक्ट्रॉनिक्स और गाड़ियों जैसे रोजमर्रा के सामान पर जीएसटी घटा दिया गया है। इसका मतलब है कि ज़रूरी चीज़ें अब सस्ती होंगी।
दो तरफा फायदा
सरकार का यह कदम दो तरफ से असर दिखाएगा।
- राजस्व बढ़ेगा – क्योंकि इन महंगे सामानों से सरकार को ज्यादा टैक्स मिलेगा।
- सेहत सुधरेगी – जब गुटखा-सिगरेट की कीमतें आसमान छूएंगी, तो लोग इन्हें खरीदने से बचेंगे या कम करेंगे।
सरकार ने साफ किया है कि इस अतिरिक्त राजस्व का इस्तेमाल हेल्थ सर्विसेज़, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में किया जाएगा।
जीएसटी स्लैब में बड़ा बदलाव
जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्ट्रक्चर को और आसान बनाने के लिए एक और बड़ा बदलाव किया है। अब जीएसटी के सिर्फ दो स्लैब रहेंगे – 5% और 18%। पहले जो 12% और 28% वाले स्लैब थे, उन्हें खत्म कर दिया गया है।
नतीजा क्या होगा?
कुल मिलाकर, सरकार का इशारा साफ है –
• जरूरी चीज़ों पर राहत
• हानिकारक चीज़ों पर बोझ
अब पान मसाला, गुटखा, तंबाकू और सिगरेट जैसे नुकसानदायक सामान इतने महंगे हो जाएंगे कि लोग इन्हें खरीदने से पहले सौ बार सोचेंगे।