मध्य प्रदेश के धार स्थित भोजशाला को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के फैसले के बाद आर्किलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) का दल शुक्रवार को भोजशाला का सर्वे करेगा। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने पिछले हफ्ते ही आदेश दिया था कि भोजशाला का एएसआई सर्वे करे। हाई कोर्ट ने इसके लिए एएसआई को 5 सदस्यीय कमिटी गठन करने के आदेश दिए थे।
इस ऐतिहासिक भोजशाला परिसर को हिंदू पक्ष मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला की मस्जिद बताता है। इंदौर हाईकोर्ट की पीठ ने ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ नामक संगठन की याचिका मंजूर करते भोजशाला के सर्वे का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष इसे कमाल मौला की मस्जिद बताता है। बता दें कि इसी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस (Hindu Front for Justice) संस्था ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें मुसलमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से रोके जाने और हिंदुओं को नियमित पूजा का अधिकार देने की मांग की गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद भोजशाला मामले को ज्ञानवापी मस्जिद की तरह देख रहे हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में हुए ASI के सर्वे के बाद हिंदू पक्ष को वहां पूजा का अधिकार मिल गया है। दोनों ही मामलों में काफी समानताएं हैं। सर्वे के बाद ये तय हो पाएगा कि आखिर भोजशाला पर किसका अधिकार होता है।
ये सर्वे 22 मार्च यानी शुक्रवार से शुरू होगा। ASI की पांच सदस्यीय टीम इस पूरे सर्वे को अंजाम देगी। ASI की टीम धार पहुंच भी चुकी है। सर्वे के दौरान दोनों पक्ष के लोग मौजूद रहेंगे और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी। मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 29 अप्रैल को होनी है लिहाजा ASI को अपनी सर्वे रिपोर्ट इससे पहले देनी होगी। सर्वे के दौरान विशेषज्ञों की टीम खुदाई कर यह देखेगी कि भोजशाला का जब निर्माण हुआ था, तब उसकी बनावट किस शैली की है और पत्थरों पर किस तरह के चिन्ह अंकित है।