आज महाशिवरात्रि है, जो भगवान शंकर का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का उत्सव मनाया जाता है। यह पर्व भक्तों के लिए विशेष आस्था और भक्ति का दिन होता है। इस दिन रात्रि जागरण, भगवान शिव का अभिषेक, और व्रत-उपवास का बहुत महत्व होता है।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का अर्थ है “शिव की महान रात”। पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। यही कारण है कि इस दिन शिवलिंग का विशेष पूजन किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन शिवजी की उपासना करने से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत और पूजा?
महाशिवरात्रि पर शिव भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात्रि जागरण करते हैं। शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र, धतूरा, और भस्म चढ़ाकर शिवजी की पूजा की जाती है। कुछ लोग ओम नमः शिवाय का जाप करते हैं और भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं।
महाशिवरात्रि की विशेषता
• इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए “महा अभिषेक” किया जाता है।
• कई लोग 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का संकल्प लेते हैं।
• कांवड़ यात्रा भी इसी समय होती है, जिसमें श्रद्धालु गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।
शिवजी के प्रिय मंत्र
महाशिवरात्रि पर ये मंत्र बोलने से शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं:
ओम नमः शिवाय
महामृत्युंजय मंत्र: “ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।”
महाशिवरात्रि का संदेश
भगवान शिव त्याग, साधना और सादगी के प्रतीक हैं। उनकी पूजा हमें यह सिखाती है कि अहंकार से दूर रहकर जीवन में संयम और प्रेम का पालन करना चाहिए।
आज के दिन भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन में सकारात्मकता और शांति लाएँ। हर-हर महादेव!