Sach – The Reality

Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

Northeast India's First Multilingual Foremost Media Network

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर 15 करोड़ कैश मिलने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी के उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को एक रिपोर्ट सौंपी है। दअरसल,14मार्च यानी होली की रात करीब 11.35 बजे जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले में आग लग गई थी। वे दिल्ली से बाहर थे,उनके परिवार वालों ने आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया था। आग बुझाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी एकत्रित हुए थे। इस दौरान वहां कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिली थी।

आखिर क्या है इलाहाबाद हाई कोर्ट जज की वापसी के खिलाफ

आग लगने के बाद सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को वापस इलाहाबाद हाइकोर्ट भेजने का फरमान सुना दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जस्टिस यशवंत वर्मा की इलाहाबाद हाईकोर्ट वापसी के खिलाफ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसियेशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि किसी सामान्य कर्मचारी के घर पर 15 लाख रुपए मिलते है,तो उसे जेल भेज दिया जाता है और जज के घर पर 15 करोड़ रुपए मिले हैं तो उन्हें घर वापसी का इनाम दिया जा रहा है।
तिवारी ने आगे कहा कि हमारी मांग यह है कि उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट नहीं भेजा जाए।किसी तरह की जांच की अब कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अगर जस्टिस वर्मा कोई एक्सप्लोरेशन देते हैं तो उससे पब्लिक फेथ रिस्टोर नहीं होगा। पब्लिक फेथ पूरी तरह डैमेज हो चुका है। अगर पब्लिक फेथ हट गई है न्याय पालिका से तो यहां माफियाओं का राज हो जाएगा। जस्टिस यशवंत वर्मा इलाहाबाद आए तो कोर्ट में काम नहीं होगा। बार एसोसिएशन का कहना है कि न्यायपालिका ही जब भ्रष्टाचार जज को सजा नहीं देगी तो कौन देगा। ट्रांसफर कोई सजा नहीं होती,यह बेहद संगीन आरोप है। जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलना चाहिए।

Wordpress Social Share Plugin powered by Ultimatelysocial