राज्यसभा में आज समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के नाम को लेकर एक बार फिर से जोरदार हंगामा हुआ। मामला तब गरमा गया जब राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने जया बच्चन को “जया अमिताभ बच्चन” कहकर संबोधित किया। इस पर जया बच्चन ने तुरंत आपत्ति जताई और सीधे चेयरमैन को कहा, “आपकी टोन सही नहीं है!”
सभापति धनखड़ इस टिप्पणी से भड़क गए। उन्होंने कहा, “आपने महान उपलब्धि हासिल की है, आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट होता है। आप मेरी टोन पर सवाल उठा रही हैं। इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा।” धनखड़ ने जया बच्चन को “सेलिब्रिटी” कहकर भी संबोधित किया, जो विपक्ष को बिल्कुल भी रास नहीं आया।
विपक्ष की तरफ से जोरदार विरोध हुआ। विपक्षी सांसदों ने कहा, “ये सीनियर मेंबर हैं संसद की, आप इन्हें सेलिब्रिटी कैसे कह सकते हैं?” इस पर धनखड़ ने जवाब दिया, “सीनियर मेंबर चेयर को नीचा दिखा रही हैं।” इसके बाद सदन में हंगामा बढ़ गया। विपक्षी सांसद अपनी सीटों से खड़े हो गए और “दादागिरी नहीं चलेगी” के नारे लगाने लगे। माहौल इतना गरम हो गया कि विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि यह राज्यसभा के लिए एक “दुखद दिन” है। उन्होंने कहा, “हम एक विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं, दुनिया हमें पहचान रही है, लेकिन कुछ लोग इस प्रगति में बाधा डालना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास प्रधानमंत्री के रूप में ऐसा नेतृत्व है, जिसकी वैश्विक मान्यता है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए।
इस बीच, नेता सदन जेपी नड्डा ने भी विपक्ष के व्यवहार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “सत्ताधारी दल ही नहीं, पूरा देश आपके साथ खड़ा है। जिस तरह का व्यवहार आपके साथ हुआ है, वह गैरजिम्मेदाराना और अशोभनीय है। वे इतना नीचे आ गए हैं कि पार्टी और व्यक्ति का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं।”
जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि “ऐसी शक्तियां जो देश को विभाजित करना चाहती हैं, उनके साथ जब विपक्ष की आवाज दिखती है, तब संशय होता है कि क्षेत्रीय पार्टियों का एजेंडा देश को कमजोर करने का बन गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “सारी पार्टियां इस बात के लिए प्रेरित हैं कि किसी भी तरह से हाउस न चले। उनको माफी मांगनी चाहिए और सदन की मर्यादा की जो बात वे कहते हैं, उनको अपने आचरण पर ध्यान देना चाहिए।” जेपी नड्डा ने विपक्ष के व्यवहार पर निंदा प्रस्ताव भी पेश किया।
जया बच्चन ने भी अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, “हम स्कूल के बच्चे नहीं हैं। हम सब वरिष्ठ हैं। धनखड़ मुझे डांटने वाले कौन होते हैं? ये परंपरा के खिलाफ है। अगर आप नेता विपक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) को बोलने नहीं देंगे, तो हम सदन में क्या करने आए हैं? उन्होंने हमेशा असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया है। मुझे माफी चाहिए। ये महिलाओं का अपमान है।”
यह पहला मौका नहीं है जब जया बच्चन ने अपने नाम को लेकर विरोध जताया है। कुछ दिन पहले ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने जया बच्चन को “जया अमिताभ बच्चन” कहकर संबोधित किया था, जिस पर भी जया बच्चन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था, “क्या अब महिलाएं अपने पति के नाम से पहचानी जाएंगी? महिलाओं का अपना कोई अस्तित्व नहीं है?”
यह घटनाक्रम सदन में बड़ा विवाद खड़ा कर रहा है, और अब देखना होगा कि इस मसले पर क्या कदम उठाए जाते हैं। क्या जया बच्चन को माफी मिलेगी या यह विवाद और बढ़ेगा? आने वाले दिनों में संसद के सत्र में यह मामला और गर्मा सकता है।