भारतीय सेना ने एक बार फिर अपने मजबूत इरादों और सतर्कता से जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है। सेना ने पुंछ जिले के सुरनकोट क्षेत्र से पांच आईईडी और तीन टिफिन बम बरामद किए हैं। ये विस्फोटक ऐसे स्थान पर छिपाकर रखे गए थे, जहां से किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दिया जा सकता था। सेना ने समय रहते इस पूरे जखीरे को ढूंढ निकाला और इलाके को सुरक्षित किया। सिर्फ बम ही नहीं, आतंकियों के पास से कई प्रतिबंधित संचार उपकरण भी बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी अपने नेटवर्क से जुड़े रहने और प्लानिंग को अंजाम देने के लिए करते हैं।
इस खुलासे के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन और तेज कर दिया है। लगातार इस बात की जांच की जा रही है कि ये विस्फोटक कहां से आए, किसने छुपाए और किसे निशाना बनाने की योजना थी। शुरुआती जांच में ऐसा माना जा रहा है कि सीमापार से आतंकियों को भेजा गया था और उनका मकसद घाटी में कोई बड़ा धमाका करना था। सुरनकोट इलाका पहले भी आतंकी गतिविधियों का गढ़ रहा है और यहां से ऐसे जखीरे का मिलना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है।
इसी बीच एक और बड़ी चिंता की बात सामने आई है। जम्मू-कश्मीर की प्रमुख जेलों पर आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है। खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू के कोट बलवाल जेल को आतंकी निशाना बना सकते हैं। इन जेलों में इस समय कई हाईप्रोफाइल आतंकवादी और ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) बंद हैं।
खुफिया इनपुट मिलते ही सुरक्षाबलों ने फौरन कार्रवाई करते हुए इन जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी है। अब जेलों के बाहर और अंदर भारी सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। CCTV निगरानी बढ़ा दी गई है और जेल परिसर के आसपास के इलाकों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। खास तौर पर कोट बलवाल जेल, जिसे जम्मू-कश्मीर की सबसे सुरक्षित जेलों में माना जाता है, वहां सुरक्षा का नया सर्कुलर लागू कर दिया गया है।
इस पूरी स्थिति ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। एक तरफ सेना आतंकियों के जमीनी नेटवर्क को ध्वस्त कर रही है, तो दूसरी ओर खुफिया एजेंसियां हर छोटे-बड़े इनपुट को गंभीरता से लेकर कार्रवाई में जुटी हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को रोकने की यह जद्दोजहद लगातार जारी है और सुरक्षाबल किसी भी कीमत पर आतंकियों के मंसूबों को सफल नहीं होने देना चाहते।
इस वक्त घाटी में माहौल बेहद संवेदनशील है और सरकार तथा सुरक्षा एजेंसियां पूरी ताकत से स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हैं। जनता से भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है। साफ है कि आतंकियों की हर चाल पर सेना की नजर है और जब तक जवान मोर्चे पर डटे हैं, तब तक उनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे।