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झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) छोड़ने के दो दिन बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। राज्य की वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि उनका अपमान हुआ है, इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।

चंपई सोरेन के झामुमो से नाता तोड़ने के दो दिन बाद ही उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने भी शिरकत की। पार्टी के गणमान्य नेताओं द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया, जिससे चंपई सोरेन भावुक हो गए।

झारखंड की प्रमुख विपक्षी पार्टी में शामिल होने के बाद सोरेन ने कहा कि दिल्ली और कोलकाता में झारखंड सरकार उनकी निगरानी कर रही थी, जिससे उनका भाजपा में शामिल होने का इरादा और मजबूत हो गया। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा झारखंड में आदिवासियों की पहचान को बरकरार रख सकती है और संथाल परगना में घुसपैठ को भी रोका जा सकता है।

चंपई ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आदिवासियों की पहचान को दांव पर लगाया है। उन्होंने आगे कहा कि वे लोगों को पूर्ण न्याय दिलाएंगे। भावुक होकर चंपई ने कहा कि उन्होंने झामुमो को अपने खून-पसीने से आगे बढ़ाया, मगर पार्टी ने उन्हें अपमानित किया। उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि वे कभी भी अपमान और जासूसी बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। अब उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का सदस्य होने पर गर्व है।

चंपई सोरेन का यूं भाजपा में शामिल होना झारखंड की राजनीति में एक बड़ा मोड़ ला सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य के अनुसूचित जनजाति वर्ग में भाजपा को अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयासों में बल मिलेगा।

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